Ganpati Visarjan 2025 Wishes: ढेर सारी खुशियों के साथ बप्पा को करें विदा, अपनों को भेजें ये शुभ संदेश
गणेश चतुर्थी का महापर्व 10 दिनों तक चलता है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है जिसे गणपति विसर्जन (Ganpati Visarjan 2025) के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्त गणपति बप्पा की प्रतिमा को जल में विसर्जित कर उन्हें पूरे सम्मान के साथ विदाई देते हैं। इस साल गणेश विसर्जन 6 सितंबर यानी आज किया जा रहा है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 10 दिनों तक बप्पा की सेवा करने के बाद, भक्त अनंत चतुर्दशी के दिन उन्हें विदा करते हैं। इस साल 6 सितंबर, दिन शनिवार यानी आज के दिन गणपति विसर्जन किया जा रहा है। इस दिन बप्पा को विदाई देने के साथ-साथ साधक अगले साल फिर से आने की उनसे प्रार्थना करते हैं।
इस शुभ अवसर (Ganpati Visarjan 2025) को और भी खास बनाने के लिए आइए अपने प्रियजनों को हार्दिक संदेश भेजते हैं।
गणपति विसर्जन की शुभकामनाएं (Ganpati Visarjan 2025 Wishes)
- गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ! गणेश विसर्जन के इस पावन अवसर पर, मैं कामना करता हूं कि बप्पा आपके जीवन से सभी दुखों को दूर करें और खुशियों से भर दें, गणपति विसर्जन की हार्दिक शुभकामनाएं।
- गणेश भगवान का आशीर्वाद आपके परिवार पर हमेशा बना रहे, यह विदाई नहीं, बल्कि अगले साल और भी खुशियां लेकर आने का वादा है, गणपति विसर्जन की हार्दिक शुभकामनाएं।
- शिव पुत्र की विदाई के साथ, आपके सभी दुख और कष्ट दूर हो जाएं, बप्पा का आशीर्वाद आप पर हमेशा बना रहे, हैप्पी गणपति विसर्जन।
- गणपति विसर्जन के इस दिन, मैं कामना करता हूं कि आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए, यह विदाई एक नई शुरुआत का प्रतीक है, गणपति विसर्जन की शुभकामनाएं।
- विसर्जन के समय बप्पा से विदा लेते हैं, पर उनके आने की राह दिल से बुनते हैं, अगले साल फिर मिलेंगे बप्पा,
- यही मन में सदा रहता है, गणपति विसर्जन की हार्दिक शुभकामनाएं।
- विसर्जन की घड़ी है आई, गणपति बप्पा की है बिदाई, अगले साल फिर लौटेंगे बप्पा, यही दिल में उठती है सच्चाई। शुभ गणेश विसर्जन।
गणपति विसर्जन का महत्व
गणपति विसर्जन का पर्व आस्था और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ बप्पा को विदाई देते हैं। बप्पा की प्रतिमा को सम्मान के साथ विसर्जन स्थल तक ले जाया जाता है और उनकी आरती की जाती है। विसर्जन के बाद भक्त अगले साल फिर से गणपति के आने का इंतजार करते हैं।
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