Gangaur Vrat 2025: गणगौर व्रत में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना बढ़ जाएंगी जीवन की मुश्किलें
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर गणगौर व्रत (Gangaur Vrat 2025) रखने का विधान है। इस साल यह उपवास 31 मार्च को रखा जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा होती है। कहते हैं कि जो महिलाएं इस व्रत का पालन करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणगौर व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे भक्ति भाव के साथ सुहागिन महिलाएं मनाती हैं। यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और कठिन व्रत का पालन करती हैं। वहीं, जब इस पर्व को लेकर कुछ ही दिन रह गए हैं, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
गणगौर व्रत 2025 शुभ मुहूर्त (Gangaur Vrat 2025 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर गणगौर व्रत (Gangaur Vrat 2025) रखने का विधान है। इस बार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 31 मार्च को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 01 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 31 मार्च को गणगौर व्रत रखा जाएगा।
गणगौर व्रत का धार्मिक महत्व (Gangaur Vrat 2025 Significance)
यह व्रत सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। कहा जाता है कि इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होती हैं। यह व्रत हिंदू महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसका वे श्रद्धापूर्वक पालन करती हैं।
गणगौर व्रत में क्या नहीं करना चाहिए (Gangaur Vrat 2025 Donts)
- इस दिन महिलाओं को क्रोध और अहंकार से दूर रहना चाहिए और खुद को शांत रखना चाहिए।
- इस दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए।
- इस दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए।
- इस दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।
- इस दिन बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए।
- इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए।
- इस दिन महिलाओं को काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
क्या करना चाहिए? (Gangaur Vrat 2025 Dos)
- इस दिन ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए।
- इस दिन साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
- इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन सुहागिन महिलाओं को शृंगार का सामान दान करें।
- इस दिन गणगौर व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
- इस दिन दान-पुण्य करना चाहिए।
- इस दिन सकारात्मक विचार रखने चाहिए।
पूजा मंत्र
1. ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी
सकल स्थावर जंगमस्य मुख हृदयं मम वशं
आकर्षय आकर्षय नमः।।
2. ह्रीं गौर्य नम :
है गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।।
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