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    Ganga Snan Niyam: गंगा नदी में स्नान के लिए जा रहे हैं, तो डुबकी लगाते समय ध्यान रखें ये नियम

    सनातन धर्म में गंगा नदी को कलयुग का तीर्थ माना गया है साथ ही गंगा को पापमोचनी भी कहा गया है। गंगा नदी किसी देवी की तरह ही पूजनीय और पवित्र है। ऐसे में अगर आप गंगा स्नान (Ganga Snan ke Niyam) के लिए जा रहे हैं तो स्नान का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 16 Jan 2025 11:35 AM (IST)
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    Ganga Snan Niyam गंगा नदी में स्नान से पहले क्या करना चाहिए? (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा कहा जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने मात्र से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। साथ ही वह मृत्यु के बाद जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। कई विशेष अवसरों पर जैसे पूर्णिमा, गंगा दशहरा और अमावस्या आदि पर गंगा स्नान का महत्व औप भी बढ़ जाता है।

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    फिलहाल महांकुभ चल रहा है, जहां रोजाना लाखों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने के लिए पंहुच रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गंगा नदी में स्नान के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    स्नान से पहले करें ये काम

    गंगा नदी में प्रवेश करने से पहले गंगा मैया का दर्शन करें और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें। गंगा माता पूजनीय मानी जाती है। ऐसे में नदी में सबसे पहले अपना पैर नहीं डालने चाहिए। नदी में प्रवेश करने से पहले गंगाजल को हाथ में लेकर इसे अपने माथे से लगाएं और इसके बाद स्नान शुरू करें।

    (Picture Credit: PTI)

    करें इस मंत्र का जाप

    गंगा स्नान के दौरान आपको कम-से-कम 3, 5 या 7 बार डुबकी लगानी चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ मना जाता है। इसी के साथ आप स्नान के समय इस मंत्र का जप भी कर सकते हैं, जिससे आपको गंगा मैया की असीक कृपा प्राप्त हो सकती है -

    गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा। पापं तापं च दैन्यं च हन्ति सज्जनसङ्गमः।।

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    भूल से भी न करें ये गलती

    गंगा स्नान के दौरान भूल से भी साबुन, शैम्पू आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और न ही गंगा में किसी तरह की गंदगी डालनी चाहिए। ऐसा करने से गंगा माता आपसे नाराज हो सकती हैं। इसी के साथ गंगा स्नान के बाद शरीर को कपड़े से न पोंछे, बल्कि इसे धूप में सूखने दें।

    वहीं महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मासिक धर्म के दौरान गंगा स्नान न करें। इन सभी बातों का ध्यान न रखा जाए, तो इससे आपको गंगा स्नान का पूर्ण फल नहीं मिलता।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।