Ganga Dussehra 2025: शुक्रवार को है गंगा दशहरा, रात के समय करें ये उपाय, पितरों को प्रेत योनि से मिलेगी मुक्ति
गंगा दशहरा का पर्व मां गंगा की पूजा के लिए समर्पित है जो इस साल 5 जून को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है। गंगा दशहरा पर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए गंगा जल से तर्पण करें दीपदान करें पीपल के नीचे पूजा करें ब्राह्मण को भोजन कराएं और श्रीमद्भागवत का पाठ करें। इन उपायों से पितरों को शांति मिलती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा दशहरा का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह मां गंगा की पूजा के लिए समर्पित है। कहते हैं कि इसी दिन पृथ्वी पर देवी गंगा का अवतरण हुआ था। यह दिन गंगा स्नान, दान और पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस साल गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2025) 5 जून को मनाया जाएगा। कहा जाता है कि इस पावन दिन पर पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। वहीं, इस दिन को लेकर कई सारे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से पितृ दोष की समस्या दूर होती है, तो आइए जानते हैं।
पितृ दोष के लिए करें ये उपाय (Do These Remedies For Pitra Dosh)
गंगा जल से तर्पण - गंगा दशहरा की रात को एक साफ पात्र में गंगा जल लें। उसमें थोड़े काले तिल, जौ और अक्षत मिलाएं। फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों का स्मरण करते हुए तर्पण करें। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे जल को किसी वृक्ष की जड़ में या साफ स्थान पर अर्पित करें।
दीपदान - रात्रि के समय किसी पवित्र नदी तट पर या घर में ही तुलसी के पौधे के पास तिल के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पीपल के नीचे पूजा - अगर संभव हो तो गंगा दशहरा की रात को पीपल के पेड़ के नीचे जाकर एक दीपक जलाएं और अपने पितरों के लिए प्रार्थना करें। पीपल के वृक्ष में त्रिदेवों का वास माना जाता है और इसकी पूजा से पितृ प्रसन्न होते हैं।
ब्राह्मण को भोजन और दान - गंगा दशहरा के दिन रात्रि में ब्राह्मण को भोजन कराएं और उन्हें वस्त्र, अन्न और दक्षिणा का दान करें। ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है और परिवार में सुख-शांति आती है।
श्रीमद्भागवत का पाठ - गंगा दशहरा पर रात्रि में श्रीमद्भागवत पुराण के साथ गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना भी पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। इसके साथ ही कुंडली से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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