Ganga Dussehra 2025: इस बार गंगा दशहरा पर बन रहे हैं कई दुर्लभ संयोग, पूजा का मिलेगा सौ गुना फल
गंगा दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो देवी गंगा को समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस बार गंगा दशहरा 5 जून को मनाया जाएगा। इस दिन सिद्धि योग रवि योग और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दौरान गंगा स्नान पूजा-पाठ और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा दशहरा का हिंदुओं के बीच बड़ा महत्व है। यह सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। यह दिन पूरी तरह से देवी गंगा की पूजा के लिए समर्पित है। कहते हैं कि इस दिन देवी गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं, इसलिए इस दिन को देवी गंगा की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस अवसर (Ganga Dussehra 2025) पर देवी की पूजा करने से घर में सुख-शांति का आगमन होता है। वहीं, इस बार इस पावन तिथि पर कई शुभ योग बन रहे हैं, तो आइए उनके बारे में जानते हैं।
गंगा दशहरा कब है? (Ganga Dussehra 2025 Kab Hai?)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 04 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जून को रात 02 बजकर 15 मिनट पर होगा। पंचांग गणना के आधार पर इस बार गंगा दशहरा का पावन पर्व 5 जून को मनाया जाएगा।
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गंगा दशहरा शुभ योग (Ganga Dussehra 2025 Shubh Yog)
हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन सिद्धि योग सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इसके साथ रवि योग और हस्त नक्षत्र का संयोग रहेगा। वहीं, तैतिल करण योग दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसके बाद गर करण योग रात 02 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
ऐसा माना जाता है कि इस दौरान आप गंगा स्नान, पूजा-पाठ और दान पुण्य कर सकते हैं। इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा पूजा मंत्र (Ganga Dussehra 2025 Puja Mantra)
- ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।।
- गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्।।
- गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम्। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम्।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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