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    Ganga Dussehra 2023: आज है गंगा दशहरा, भूलकर भी ना करें गंगाजल से जुड़ी ये गलतियां

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Tue, 30 May 2023 08:27 AM (IST)

    Ganga Dussehra 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर मां गंगा की विशेष उपासना की जाती है और पवित्र नदी में स्नान किया जाता है।

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    Ganga Dussehra 2023: गंगा दशहरा के दिन करें ये उपाय।

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Ganga Dussehra 2023: वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह आज यानि 30 मई के दिन मनाया जा रहा है। मान्यता है कि आज के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्तो को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है और विशेष लाभ मिलता है।

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    गंगा दशहरा के दिन मां गंगा में स्नान करने से और कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को लाभ मिलता है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। लेकिन गंगा दशहरा के दिन व्यक्ति को गंगाजल से जुड़े कुछ नियमों का विशेष रूप से पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं-

    गंगाजल से जुड़े इन नियमों का करें पालन

    • शास्त्रों में बताया गया है कि गंगाजल को सोने के स्थान पर, रोसोई घर में या खाने के स्थान पर नहीं रखना चाहिए। साथ ही इसे किसी अंधेरी जगह पर भी रखने से बचना चाहिए। ऐसा करने से पवित्रता समाप्त होने लगती है।

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, गंगाजल को हमेशा पवित्र स्थान अर्थात मंदिर में रखना चाहिए, ऐसा करने से जल की पवित्रता बनी रहती है और इससे जल अशुद्ध भी नहीं होता है।

  • गंगाजल का स्पर्श कभी भी गंदे हाथों से नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक उर्जा का विस्तार होता है। इसलिए गंगा का स्पर्श करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

  • व्यक्ति को गंगाजल का स्पर्श सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त ग्रहण के बाद घर की शुद्धि के लिए गंगाजल का प्रयोग करना चाहिए।

  • गंगा दशहरा 2023 तिथि

    वैदिक पंचांग में बताया गया है कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 29 मई को रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 30 मई को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर होगा। गंगा दशहरा पर्व के लिए उदया तिथि के अनुसार दिन तय किया जाता है, ऐसे में यह पर्व 30 मई 2023, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।