Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganesh Mantra: बुधवार के दिन करें इन शक्तिशाली मंत्रों का जप, दूर हो जाएंगे सभी कष्ट

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 24 Dec 2024 07:04 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja Vidhi) करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी दूर होती है। साधक बुधवार के दिन भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। पौष बुधवार पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं।

    Hero Image
    Ganesh Mantra: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए बुधवार का व्रत रखा जाता है। भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की भी पूजा की जाती है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख एवं संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करें। भगवान गणेश को दूर्वा और मोदक अवश्य अर्पित करें। वहीं ,पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें और आरती कर पूजा संपन्न करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: अगले साल 3 राशि के जातकों पर बरसेगी हनुमान जी की कृपा, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति

    भगवान गणेश के मंत्र

    1. ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।

    निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥

    2. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

    द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

    विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

    द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

    विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

    3. ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥

    4. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।

    धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥

    5. ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट्॥

    6. ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥

    7. वन्दे गजेन्द्रवदनं वामाङ्कारूढवल्लभाश्लिष्टम् ।

    कुङ्कुमरागशोणं कुवलयिनीजारकोरकापीडम् ॥

    विघ्नान्धकारमित्रं शङ्करपुत्रं सरोजदलनेत्रम् ।

    सिन्दूरारुणगात्रं सिन्धुरवक्त्रं नमाम्यहोरात्रम् ॥

    गलद्दानगण्डं मिलद्भृङ्गषण्डं,

    चलच्चारुशुण्डं जगत्त्राणशौण्डम् ।

    लसद्दन्तकाण्डं विपद्भङ्गचण्डं,

    शिवप्रेमपिण्डं भजे वक्रतुण्डम् ॥

    गणेश्वरमुपास्महे गजमुखं कृपासागरं,

    सुरासुरनमस्कृतं सुरवरं कुमाराग्रजम् ।

    सुपाशसृणिमोदकस्फुटितदन्तहस्तोज्ज्वलं,

    शिवोद्भवमभीष्टदं श्रितततेस्सुसिद्धिप्रदम् ॥

    विघ्नध्वान्तनिवारणैकतरणिर्विघ्नाटवीहव्यवाट्,

    विघ्नव्यालकुलप्रमत्तगरुडो विघ्नेभपञ्चाननः ।

    विघ्नोत्तुङ्गगिरिप्रभेदनपविर्विघ्नाब्धिकुंभोद्भवः,

    विघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनो विघ्नेश्वरः पातु नः ॥

    8. गाइये गनपति जगबंदन।

    संकर-सुवन भवानी नंदन ॥

    गाइये गनपति जगबंदन...

    सिद्धि-सदन, गज बदन, बिनायक।

    कृपा-सिंधु, सुंदर सब-लायक ॥

    गाइये गनपति जगबंदन...

    मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।

    बिद्या-बारिधि, बुद्धि बिधाता ॥

    गाइये गनपति जगबंदन...

    मांगत तुलसिदास कर जोरे।

    बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥

    गाइये गनपति जगबंदन...

    9. ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।

    10. ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

    भगवान गणेश की आरती

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

    माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

    लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

    बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

    कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

    जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

    यह भी पढ़ें: बुधवार के दिन राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जप, आर्थिक संकट से मिलेगी मुक्ति

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।