Ganesh Chaturthi 2025: एक क्लिक में जानें गणेश मूर्ति स्थापना का सही नियम, बरसेगी बप्पा की कृपा
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना का विशेष महत्व है। मिट्टी की मूर्ति बैठे हुए स्वरूप में वामवर्ती सूंड वाली और मोदक-मूषक सहित शुभ मानी जाती है। ऐसे में वास्तु के अनुसार गणेश पर्व के लिए कैसी प्रतिमा लेनी चाहिए? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें भगवान गणेश की आराधना और उनकी स्थापना का विशेष महत्व होता है। इस दिन (Ganesh Chaturthi 2025) गणेश जी की मूर्ति को पूर्ण श्रद्धा, शुद्धता और सही विधि के साथ स्थापित करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है, क्योंकि यही विधि घर और परिवार में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
1. मूर्ति का आकार, मुद्रा और सामग्री
गणेश जी की मूर्ति मिट्टी, पत्थर या पवित्र धातु की हो सकती है। पारंपरिक रूप से मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण के अनुकूल मानी जाती हैं और विसर्जन के समय जल में आसानी से घुल जाती हैं। घर के लिए बैठे हुए गणेश जी की मूर्ति लेना सबसे शुभ माना जाता है,
क्योंकि यह परिवार में सुख-समृद्धि और स्थिरता लाती है। वहीं, पंडालों में खड़े, नृत्य करते हुए या विश्राम मुद्रा की मूर्ति भी रखी जा सकती है।
2. सूंड का ध्यान (वास्तु अनुसार)
वास्तु के अनुसार, गणेश जी की वामवर्ती सूंड वाली मूर्ति (Ganesh Murti For Home) लेना घर के लिए सबसे शुभ होता है। यानी उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हो। यह दिशा सफलता और समृद्धि की दिशा मानी जाती है। वहीं, दक्षिणामुखी (दाईं ओर झुकी हुई सूंड वाली) मूर्ति की पूजा करने के नियम कठिन होते हैं और इन्हें प्रसन्न करना मुश्किल होता है, इसलिए यह मुख्य रूप से मंदिरों में रखी जाती है।
3. वाहन और भोग का ध्यान
मोदक भगवान गणेश को बेहद प्रिय हैं और मूषक उनका वाहन माना गया है। इसलिए मूर्ति लेते समय यह ध्यान रखें कि प्रतिमा में उनके साथ मोदक और मूषक भी शामिल हों। इस प्रकार की मूर्ति घर में लाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
4. रंग का महत्व
वास्तु के अनुसार, घर में सफेद रंग की मूर्ति लाना सबसे शुभ होता है, जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा, सिंदूरी रंग की मूर्ति भी ले सकते हैं, जिससे आत्म विकास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
5. स्थापना का शुभ समय
गणेश जी की मूर्ति को घर में चतुर्थी से पहले किसी शुभ मुहूर्त में लाना चाहिए। इससे भगवान की कृपा बनी रहती है और पूजा का फल अधिक मिलता है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की मूर्ति को बैठे हुए स्वरूप में, वामवर्ती सूंड वाली, मोदक और मूषक सहित, सफेद या सिंदूरी रंग में स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सही दिशा, शुभ मुहूर्त और श्रद्धा के साथ पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
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लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।
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