Ganesh Chaturthi 2025: कब है गणेश चतुर्थी? जानिए सही डेट और कैसे करें भगवान गणेश को प्रसन्न
सनातन धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। इससे साधक के सभी काम सफल होते हैं। वहीं भगवान गणेश को चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) तिथि समर्पित है। इस तिथि को गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त करने के लिए खास माना जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश को हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि समर्पित है। इस शुभ तिथि पर गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का अवतरण हुआ था। इसलिए इस तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस पर्व को देशभर में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस दिन लोग अपने-अपने घरों में भगवान गणेश को विराजमान कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विघ्नहर्ता की उपासना करने से साधक के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और बिगड़े काम पूरे होते है। ऐसे में आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
गणेश चतुर्थी 2025 डेट और टाइम (Ganesh Chaturthi 2025 Date and Time)
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी।
गणेश चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)
गणेश चतुर्थी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
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पंचांग
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 48 मिनट पर
चंद्रोदय: सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर
चन्द्रास्त: रात 08 बजकर 56 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 22 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 48 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 12 बजे 12 बजकर 45 मिनट तक
ऐसे करें भगवान गणेश को प्रसन्न
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए स्नान करने के बाद दीपक जलाकर गणपति बप्पा को प्रसन्न करें। साथ ही गन्ने के रस से अभिषेक करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से विघ्नहर्ता प्रसन्न होते हैं। साथ ही सभी कामों में सफलता प्राप्त होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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