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    Ganesh Mahotsav 2024: इस शुभ समय पर करें भगवान गणेश की स्थापना, जरूर अर्पित करें ये भोग

    भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। इस बार गणेश महोत्सव की शुरुआत 7 सितंबर 2024 को यानी आज से हो रही है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान उपवास रखने से भगवान गणेश जीवन की सभी मुश्किलों को दूर करते हैं। साथ ही उनका आशीर्वाद सदैव के लिए प्राप्त होता है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 07 Sep 2024 08:39 AM (IST)
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    Ganesh Mahotsav 2024: भगवान गणेश के प्रिय भोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश महोत्सव हर साल धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है और 10 दिनों तक चलता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान (ganesh chaturthi 2024) व्रत रखने से घर में सुख और शांति आती है। साथ ही बप्पा प्रसन्न होते हैं।

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    अगर आप बप्पा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इससे जुड़ी प्रमुख बातों को अवश्य जान लेना चाहिए, जिससे आपके जीवन की समस्त बाधाओं का अंत हो सके।

    पूजन समय

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 34 मिनट के बीच भगवान गणेश की स्थापना की जाएगी। इस दिन सुबह का पूजा समय 7 बजकर 45 मिनट से लेकर 9 बजकर 18 मिनट तक का है।

    वहीं, शाम को 6 बजकर 37 मिनट से रात को 8 बजकर 4 मिनट तक का समय बेहद लाभकारी माना जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान आप बप्पा की पूजा करके उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

    भगवान गणेश के प्रिय भोग

    गणेश महोत्सव के दौरान आप मोदक, लड्डू, केला, पूरन पोली, साटोरी (मीठी रोटी जो महाराष्ट की मिठाई है।) श्रीखंड, रवा पोंगल( साउथ मिठाई) शीरा आदि का भोग लगा सकते हैं। ये सभी चीजें बप्पा को अत्यंत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान गोरी पुत्र गणेश को ये सारी चीजें अर्पित करके आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इन चीजों का भोग लगाने से घर में बरकत आती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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    भगवान गणेश मंत्र

    1. 'वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

    2. गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।

    नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।

    धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।

    गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।'

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।