Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganesh Chaturthi 2019: इस बार करेंगे इको-फ्रेंडली गणपति बप्पा का इस्तेमाल, तो होंगे ये फायदे

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Sat, 31 Aug 2019 11:34 AM (IST)

    Ganesh Chaturthi 2019 पूरे देश में गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा के आगमन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। हर कोई अपने ही अंदाज में गणपति के उत्सव को जबरदस्त तरीके से मनाना चाहेगा।

    Ganesh Chaturthi 2019: इस बार करेंगे इको-फ्रेंडली गणपति बप्पा का इस्तेमाल, तो होंगे ये फायदे

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Ganesh Chaturthi 2019: हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल हिन्दू पंचाग के भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी दो सितंबर को शुरू हो रही है। दो सितंबर को ही लोग भगवान गणेश की मूर्ति स्थापति कर अगले 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूरे देश में गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा के आगमन को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। हर कोई अपने ही अंदाज में गणपति के महाउत्सव को जबरदस्त तरीके से मनाना चाहेगा। लेकिन इस खास मौक पर लोग इको फ्रेंडली गणपति को काफी तवज्जो दे रहे हैं। पर्यावरण के लिहाज से इको फ्रेंडली गणपति काफी अच्छे माने जाते हैं।

    ऐसे में बाजार में प्लास्टिक ऑफ पेरिस (पीओपी) की मूर्तियां काफी मिल जाती हैं जो देखने में बहुत सुंदर लगती हैं लेकिन पर्यावरण के लिहाज़ देखा जाए तो काफी हानिकारक होती हैं क्योंकि एक समय के बाद गणपति का विसर्जन भी करना होता है। ऐसे में (पीओपी) पर्यावरण को काफी दूषित करता है। इसी वजह से पिछले कुछ समय में इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का चलन बढ़ गया है। तो आइए हम आपको बताते हैं इको फ्रेंडली बप्पा के फायदों के बारे में:

    इको फ्रेंडली बप्पा के फायदे: मिट्टी से बनी प्रतिमाएं पीओपी से बनी प्रतिमाओं की तुलना पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। इको फ्रेंडली प्रतिमाएं पानी में जल्दी घुल जाती हैं। वहीं इको फ्रेंडली गणपति को सुंदर बनाने के लिए इसमें कच्चे और प्राकृतिक रंगो का इस्तेमाल किया जाता है जो कि नुकसान नहीं पहुंचाते। ऐसे में न पानी दूषित होता है और न ही कोई बीमारियां फैलने का डर रहता है।

    पीओपी वाले बप्पा के नुकसान: पीओपी और प्लास्टिक से बनी प्रतिमाओं में खतरनाक रसायनिक रंगों का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह रंग न सिर्फ स्‍वास्‍थ्‍य बल्कि पर्यावरण के लिए भी काफी हानिकारक होते हैं। जब पीओपी से बने बप्पा का विसर्जन किया जाता है तो पीओपी पानी को दूषित कर देता है और जल्दी घुलता भी नहीं। इससे पानी की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। वहीं पानी में घुल जाए तो पीओपी पानी की सतह पर जमा हो जाता है। इन प्रतिमाओं के रसायनिक रंग पानी में मिल जाते हैं और बाद में इसी पानी का इस्तेमाल खाना पकाने और नहाने जैसे कामों में किया जाता है। ऐसे पानी के इस्तेमाल से लोग बीमार भी हो जाते हैं। इसी पानी का इस्तेमाल खेती के कामों में भी किया जाता है। ऐसे में दूषित पानी से होने वाली फसलें भी काफी प्रभावित हो जाती हैं और सब्जियों के साथ हानिकारण तत्व भी घर तक पहुंच जाते हैं।

    comedy show banner
    comedy show banner