Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ganesh Atharvashirsha Ka Path: आज के दिन करें श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ, घर में होगा मां लक्ष्मी का वास

    By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Wed, 10 Jan 2024 07:00 AM (IST)

    Ganesh Atharvashirsha Ka Path बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ गणपति महाराज की पूजा-अर्चना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसलिए प्रत्येक जातक को इस दिन बप्पा की पूजा विधिवत करनी चाहिए। साथ ही उनके अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए जो इस प्रकार है -

    Hero Image
    Ganesh Atharvashirsha Ka Path: ।। अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति ।।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Atharvashirsha Ka Path: ज्योतिष शास्त्र में बुधवार का दिन बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि जो जातक इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ गणपति महाराज की पूजा-अर्चना करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद बप्पा की विधि अनुसार, पूजा करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही ''अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति'' का पाठ करें। यह उपाय 5 बुधवार करें। ऐसा करने से भगवान गणेश आपकी सभी मुश्किलों को दूर करेंगे। तो आइए यहां पढ़ते हैं -

    ।। अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति ।।

    ॐ नमस्ते गणपतये।

    त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि।।

    त्वमेव केवलं कर्त्ताऽसि।

    त्वमेव केवलं धर्तासि।।

    त्वमेव केवलं हर्ताऽसि।

    त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि।।

    त्वं साक्षादत्मासि नित्यम्।

    ऋतं वच्मि।। सत्यं वच्मि।।

    अव त्वं मां।। अव वक्तारं।।

    अव श्रोतारं। अवदातारं।।

    अव धातारम अवानूचानमवशिष्यं।।

    अव पश्चातात्।। अवं पुरस्तात्।।

    अवोत्तरातात्।। अव दक्षिणात्तात्।।

    अव चोर्ध्वात्तात।। अवाधरात्तात।।

    सर्वतो मां पाहिपाहि समंतात्।।

    त्वं वाङग्मयचस्त्वं चिन्मय।

    त्वं वाङग्मयचस्त्वं ब्रह्ममय:।।

    त्वं सच्चिदानंदा द्वितियोऽसि।

    त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्मासि।

    त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि।।

    सर्व जगदि‍दं त्वत्तो जायते।

    सर्व जगदिदं त्वत्तस्तिष्ठति।

    सर्व जगदिदं त्वयि लयमेष्यति।।

    सर्व जगदिदं त्वयि प्रत्येति।।

    त्वं भूमिरापोनलोऽनिलो नभ:।।

    त्वं चत्वारिवाक्पदानी।।

    त्वं गुणयत्रयातीत: त्वमवस्थात्रयातीत:।

    त्वं देहत्रयातीत: त्वं कालत्रयातीत:।

    त्वं मूलाधार स्थितोऽसि नित्यं।

    त्वं शक्ति त्रयात्मक:।।

    त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यम्।

    त्वं शक्तित्रयात्मक:।।

    त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यं।

    त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वं इन्द्रस्त्वं अग्निस्त्वं।

    वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चंद्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुव: स्वरोम्।।

    गणादिं पूर्वमुच्चार्य वर्णादिं तदनंतरं।।

    अनुस्वार: परतर:।। अर्धेन्दुलसितं।।

    तारेण ऋद्धं।। एतत्तव मनुस्वरूपं।।

    गकार: पूर्व रूपं अकारो मध्यरूपं।

    अनुस्वारश्चान्त्य रूपं।। बिन्दुरूत्तर रूपं।।

    नाद: संधानं।। संहिता संधि: सैषा गणेश विद्या।।

    गणक ऋषि: निचृद्रायत्रीछंद:।। ग‍णपति देवता।।

    ।।ॐ गं गणपतये नम:।।

    यह भी पढ़ें: Skanda Sasthi 2024: इस दिन मनाई जाएगी स्कंद षष्ठी, जानें धार्मिक महत्व, पूजा विधि और मंत्र

    ॥ गाइये गणपति जगवंदन स्तुति॥

    गाइये गणपति जगवंदन ।

    शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

    सिद्धि सदन गजवदन विनायक ।

    कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥

    गाइये गणपति जगवंदन ।

    शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

    मोदक प्रिय मुद मंगल दाता ।

    विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥

    गाइये गणपति जगवंदन ।

    शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

    मांगत तुलसीदास कर जोरे ।

    बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥

    गाइये गणपति जगवंदन ।

    शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

    यह भी पढ़ें: Toe Rings Spiritual Meaning : बिछिया पहनने से पहले जान लें ये बातें, वरना रिश्ते में आ सकती है खटास

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

    comedy show banner
    comedy show banner