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    Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Updated: Fri, 12 Jul 2024 11:18 AM (IST)

    गौरी पुत्र गणेश की पूजा हिंदू धर्म में बेहद कल्याणकारी मानी गई है। उनका एक नाम विघ्नहर्ता भी है। ऐसा कहा जाता है भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के कष्टों का अंत तुरंत हो जाता है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। इस बार गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा।

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    Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी 2024?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश की पूजा के लिए चतुर्थी तिथि का व्रत सबसे उत्तम माना जाता है। इस साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन बप्पा की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। प्रति माह संकष्टी चतुर्थी का उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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    इस बार गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा, तो चलिए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

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    कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी 2024?

    हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।

    पूजा विधि

    सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। एक वेदी को सजाएं और उसपर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। विधि अनुसार, उनका अभिषेक करें। इसके बाद उन्हें पीले फूलों की माला अर्पित करें। कुमकुम का तिलक लगाएं। घर पर बनी मिठाई, मोदक, आदि चीजों का भोग लगाएं। दुर्वा घास अवश्य अर्पित करें। बप्पा के वैदिक मंत्रों का जाप करें। गणपति चालीसा का पाठ करें।

    आरती से पूजा को समाप्त करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। पूजा में तुलसी का उपयोग गलती से भी न करें। तामसिक चीजों से दूर रहें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।