February Pradosh Vrat 2025: इन शुभ योग में मनाया जा रहा है प्रदोष व्रत, नोट करें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत बड़ा महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन शिव परिवार की आराधना और व्रत रखने से सभी कष्टों का अंत हो जाता है। इस बार यह व्रत ( Pradosh Vrat 2025 Puja Muhurat) 9 फरवरी यानी आज के दिन रखा जा रहा है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन हिंदू कैलेंडर के शुक्ल पक्ष के 13वें दिन यानी त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह महीने में दो बार आता है। इस साल यह पर्व 9 फरवरी 2025 यानी आज के दिन रखा जा रहा है। प्रदोष पर (February Pradosh Vrat 2025) शाम के समय पूजा का विधान है। कहते हैं कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से सभी पीड़ाओं का अंत हो जाता है। ऐसे में इस दिन भाव के साथ शिव पूजन करें।
शुभ योग और पूजा मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Puja Muhurat Or Shubh Yog)
हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रिपुष्कर योग शाम 05 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। अमृत काल सुबह 07 बजकर 58 मिनट से 09 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 26 मिनट से 03 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 04 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप प्रदोष व्रत की पूजा व अन्य मांगलिक कार्य कर सकते हैं।
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पूजा विधि (Pradosh Vrat 2025 Puja Vidhi)
सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। भगवान शंकर के सामने प्रदोष व्रत का संकल्प लें। एक लकड़ी की चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह साफ करें। उन्हें सफेद चंदन, कुमकुम का तिलक लगाएं। देसी घी का दीया जलाएं। खीर, ऋतु फल, सफेद मिठाइयों, ठंडई, लस्सी आदि चीजों का भोग लगाएं। प्रदोष व्रत कथा और शिव जी के वैदिक मंत्रों का जाप करें। शाम के समय फिर विधिवत पूजा करें।
आरती से पूजा को पूरी करें। अगले दिन शिव प्रसाद से व्रत खोलें। इस दिन पूरी तरह से तामसिक चीजों से परहेज करें। इससे जीवन में शुभता आएगी।
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