Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Masik Durgashtami 2025 Date: फाल्गुन महीने में कब है दुर्गा अष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Feb 2025 09:00 AM (IST)

    जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2025 Date) की महिमा निराली है। अपने भक्तों पर मां दुर्गा विशेष कृपा बरसाती हैं। उनकी कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। मां के शरणागत रहने वाले साधकों की बिगड़ी किस्मत भी संवर जाती है। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है।

    Hero Image
    Masik Durgashtami 2025 Date: मां दुर्गा को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ तिथि पर जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-भक्ति की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अतः साधक प्रत्येक माह की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा करते हैं। इस समय मां को प्रिय फूल, फल और प्रसाद अर्पित करते हैं। ज्योतिष भी सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह देते हैं। आइए, आइए, दुर्गा अष्टमी का शुभ मुहूर्त एवं योग (Masik Durgashtami 2025 Date) जानते हैं-

    यह भी पढ़ें:  भगवान शिव की पूजा के समय करें इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात

    मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 06 मार्च को सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 07 मार्च को सुबह 09 बजकर 18 मिनट पर होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 07 मार्च को फाल्गुन माह की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

    दुर्गा अष्टमी योग

    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास का संयोग बन रहा है। यह संयोग सुबह सुबह 10 बजकर 50 मिनट से लेकर रात सुबह 10 बजकर 01 मिनट तक है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 24 मिनट पर
    • चंद्रोदय- सुबह 10 बजकर 50 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 37 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 03 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक 

    यह भी पढ़ें: बेहद रहस्यमयी है महाशिवरात्रि का इतिहास, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।