Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर इस शुभ मुहूर्त में करें बप्पा की पूजा, जानिए अर्घ्य देने का समय

    Updated: Fri, 24 May 2024 12:36 PM (IST)

    संकष्टी चतुर्थी का हिंदुओं के बीच विशेष महत्व है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है। मंगल मूर्ति गणेश की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नहीं होता है। उनकी पूजा के लिए एकदंत संकष्टी चतुर्थी (Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024) का व्रत बेहद ही शुभ माना जाता है। इस साल यह 26 मई को मनाई जाएगी।

    Hero Image
    Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024: एकदंत संकष्टी चतुर्थी को सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस दिन का उपवास रखते हैं और बप्पा की प्रार्थना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकदंत संकष्टी चतुर्थी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह 26 मई, 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 डेट

    हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 मई दिन रविवार शाम 06 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 27 मई शाम 04 बजकर 53 मिनट पर होगा। इस दिन चंद्रोदय का महत्व होता है, इसलिए यह व्रत 26 मई को रखा जाएगा।

    चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय

    संकष्टी चतुर्थी चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना पूर्ण नहीं मानी जाती है। बता दें कि 26 मई, 2024 रात्रि 10 बजकर 12 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस समय आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं।

    एकदंत संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त

    अगर आप एकदंत संकष्टी चतुर्थी का उपवास करते हैं, तो आपको पूजा मुहूर्त का खास ख्याल रखना चाहिए। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा आप सूर्योदय के बाद कर सकते हैं, क्योंकि सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।

    इसके साथ ही इस दिन साध्य योग भी रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पूजा करने से मनोवांक्षित फलों की प्राप्ति और कार्यों में सिद्धि मिलती है।

    यह भी पढ़ें: Bhaum Pradosh 2024: भौम प्रदोष पर बन रहे हैं ये शुभ योग, रुद्राभिषेक करने से दूर होंगे सभी कष्ट

    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।