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Bhaum Pradosh 2024: भौम प्रदोष पर बन रहे हैं ये शुभ योग, रुद्राभिषेक करने से दूर होंगे सभी कष्ट

प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा होती है। हर महीने दो प्रदोष व्रत आते हैं। इस बार यह व्रत 04 जून दिन मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव पूजा करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही भोलेनाथ खुश होते हैं। वहीं इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है जो बहुत ही कल्याणकारी हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Fri, 24 May 2024 11:15 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 11:15 AM (IST)
Bhaum Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं ये शुभ योग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhaum Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से जीवन कल्याण की ओर बढ़ता है। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती है, जिसकी व्यक्ति चाहत रखता है। इस माह प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है।

मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष कहा जाता है। यह व्रत आमतौर पर महीने में दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दौरान आता है। इस बार यह 4 जून, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं ये शुभ योग

प्रदोष व्रत के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। शोभन योग भोर से सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके बाद से अतिगण्ड योग लग जाएगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग रात्रि 10 बजकर 35 मिनट से अगले दिन यानी 5 जून सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

शिववास योग

भौम प्रदोष पर शिववास योग भी बन रहा है। शिववास योग भोर से रात्रि 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। यह समय रुद्राभिषेक के लिए बहुत शुभ होता है। ऐसे में कोशिश करें की शुभ मुहूर्त के दौरान ही भगवान शिव की पूजा करें, ताकि उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सके।

प्रदोष व्रत तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि ​04 जून ( अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार) को रात्रि 12 बजकर 18 पर शुरू होगी। वहीं, ​इस तिथि की समाप्ति 04 जून को रात्रि 10 बजकर 01 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को मनाया जाएगा।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।


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