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    Eid Ul Fitr 2025: आज मनाई जा रही है ईद, एक क्लिक में नोट करें सबकुछ

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 31 Mar 2025 07:53 AM (IST)

    रमजान महीने में रोजा रख परवरदिगार की इबादत करने से बंदे पर अल्लाह की रहमत बरसती है। अल्लाह की इबादत करने से जाने-अनजाने में किए गए सभी गुनाह माफ हो जाते हैं। ईद के मौके पर दान और जकात करना बेहद पुण्यकारी माना गया है। ईद-उल-फितर पर अन्न और धन का दान करना चाहिए। ईद-उल-फितर के दिन से शव्वाल महीने की शुरुआत होती है।

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    Eid Ul Fitr 2025: ईद-उल-फितर कैसे मनाएं?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ईद-उल-फितर का त्योहार 31 मार्च यानी आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस्लाम धर्म में ईद-उल-फितर का खास महत्व है। शव्वाल महीने के पहले दिन ईद-उल-फितर मनाया जाता है। इसे मीठी ईद भी कहा जाता है। रमजान के खत्म होने के बाद दिखने वाले चांद से ईद-उल-फितर की तारीख का पता चलता है। भारत में रमजान की शुरुआत 2 मार्च से हुई थी।

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    कैसे मनाई जाती है ईद?

    इस्लाम धर्म के अनुयायी ईद के दिन स्नान-ध्यान के बाद नए कपड़े पहनते हैं। फिर मस्जिद में एकत्र होकर ईद-उल-फितर की नमाज अदा करते हैं। इसके बाद लोग एक दूसरे को गले लगाकर मीठी ईद की हार्दिक बधाई देते हैं। इस मौके पर लोगों के घर पर तरह-तरह के पूरी-पकवान बनाए जाते हैं।

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    ईद-उल-फितर मनाने की विधि

    रमजान महीने के आखिरी दिन पर चांद का दीदार किया जाता है। अगर चांद दिखाई देता है, तो अगले दिन ईद-उल-फितर मनाया जाता है। वहीं, चांद न दिखने पर अगले दिन पुनः चांद का दीदार किया जाता है। चांद दिखने पर रमजान महीना 30 दिनों का हो जाता है। कई बार रमजान का महीना 29 दिनों का होता है। रमजान का महीना चांद दिखने पर निर्भर करता है। सबसे पहले सऊदी अरब में चांद देखा जाता है।

    ईद मनाने की परंपरा

    ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। बच्चे-बड़े सभी में उत्साह और उमंग की लहर रहती है। लोग ईद के मौके पर नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद सामूहिक नमाज में शामिल होते हैं। सामूहिक नमाज मस्जिदों में अदा की जाती है। इसके बाद लोग एक दूसरे के गले लगते हैं। इस समय लोग एक दूसरे को ईद की बधाइयां देते हैं। फिर एक दूसरे के घर पर जाते हैं। सभी लोग मिलकर पूरी-पकवान, सेवई और विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। इस मौके पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं। ईद के मौके पर नमाज अदा कर दान और जकात करने से बंदे पर अल्लाह की रहमत बरसती है।

    ईद उल फितर पर क्यों नमाज अदा जरूरी है

    जानकारों की मानें तो रमजान महीने के दौरान बंदा अल्लाह पाक के बेहद करीब रहता है। इस दौरान बंदे की तक़रीब अल्लाह से होती है। अल्लाह के करीब रहने और उनकी रहमत पाने के लिए रमजान के दौरान पांचों वक्त की नमाज अदा की जाती है। वहीं, ईद के मौके पर नमाज अदा कर खुदा से इबादत की जाती है। ऐसा करने से बंदे को खुदा का शबाब मिलता है।

    क्या दान करें

    ईद-उल-फितर के मौके पर ढाई किलो अनाज या इसके समतुल्य धन (पैसे) का दान करना चाहिए। यह दान जरूरतमंदों को देना चाहिए। ऐसा करने से बंदे पर अल्लाह पाक की रहमत बरसती है।

    इमाम का उपदेश

    ईद के मौके पर नमाज अदा करने के बाद इमाम लोगों को उपदेश देते हैं। इस समय इमाम लोगों को रोजे रखने के फायदे और रमजान महीने का धार्मिक महत्व बताते हैं। लोग अल्लाहु अकबर ला इलाहा इला अल्लाह या अल्लाहु का उद्घोष लगाते हैं। ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म में बेहद पवित्र दिन होता है।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।