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    Dwadash Jyotirlinga Mantra: द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र के पाठ से मिट जाते हैं सात जन्मों के पाप

    By Jeetesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 07 Aug 2021 06:50 PM (IST)

    Dwadash Jyotirlinga Mantra शिवपुराण के रुद्र संहिता में बारह ज्योतिर्लिंग और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। शिव पुराण के अनुसार सभी ज्योतिर्लिंगों के उप लिंग भी हैं। मान्यता है कि इन ज्योतिर्लिंग का प्रतिदिन स्मरण करने से सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं।

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    द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र के पाठ से मिट जाते हैं सात जन्मों के पाप

    Dwadash Jyotirlinga Mantra: सावन मास में भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों की पूजा का विशेष विधान है। पुराणों के अनुसार पूरे विश्व में भगवान शिव के द्वादश अर्थात बारह ज्योतिर्लिंग हैं। माना जाता है कि धरती लोक के वो स्थान जहां- जहां स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए थे वहां ज्योतिर्लिंगों की स्थापना हुई है। इन सभी ज्योतिर्लिंगों के अलग-अलग नाम और पूजन के अलग-अलग विधान हैं। शिवपुराण के रुद्र संहिता में इन बारह ज्योतिर्लिंग और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। शिव पुराण के अनुसार सभी ज्योतिर्लिंगों के उप लिंग भी हैं। मान्यता है कि इन ज्योतिर्लिंग का प्रतिदिन स्मरण करने से सात जन्मों के पाप मिट जाते हैं। सावन के महीने में द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्तुति करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र और उसका अर्थ...

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    द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र -

    सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

    उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

    परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

    वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

    हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

    एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

    सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥

    सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्री सोमनाथ, श्रीशैल पर श्री मल्लिकार्जुन, उज्जयिनी में श्री महाकाल, ओंकारेश्वर में अमलेश्वर (अमरेश्वर), परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्री भीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर,हिमालय पर श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्री घृष्णेश्वर। जो मनुष्य प्रतिदिन, प्रातःकाल और संध्या समय,इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है,उसके सात जन्मों के पाप इन लिंगों के स्मरण-मात्र से मिट जाते है।

    डिसक्लेमर

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'