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    Durva Ashtami 2025: दूर्वा अष्टमी के दिन दूब के अलावा गणेश जी को अर्पित करें ये चीजें

    गणेश जी की पूजा में उपयोग होने वाली दूर्वा को त्रिदोष नाशक भी माना गया है। इसके आयुर्वेद में भी कई लाभ बताए गए हैं। दूर्वा अष्टमी पर गणेश जी को 21 दूर्वा अर्पित करने का विशेष महत्व माना गया है। चलिए जानते हैं कि दूर्वा अष्टमी पर आप दूब के अलावा गणेश जी को और क्या-क्या चीजें अर्पित की जा सकती हैं।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 27 Aug 2025 01:40 PM (IST)
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    Durva Ashtami 2025 जानिए कैसे अर्पित करें दूर्वा?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर दूर्वा अष्टमी (Durva Ashtami 2025) मनाई जाती है। इस बार यह पर्व रविवार, 31 अगस्त को मनाया जा रहा है। माना जाता है कि दूर्वा अष्टमी के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

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    भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में दूर्वा या दूब का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप दूर्वा अष्टमी की पूजा में किस तरह गणेश जी को दूब अर्पित कर सकते हैं, जिससे आपके ऊपर गणपति जी की असीम कृपा बनी रहे। 

    अर्पित करें ये चीजें

    दूर्वा अष्टमी पर दूब के अलावा आप भगवान गणेश को सिंदूर, अक्षत (बिना टूटे या साबूत चावल), लाल फूल जैसे गुड़हल, घी, गुड़, नारियल, शमी के पत्ते, सुपारी, हल्दी, कलावा और जनेऊ आदि अर्पित कर सकते है। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि लाते हैं।

    लगाएं ये भोग

    गणेश जी को मोदक और लड्डू आदि काफी प्रिय माने गए हैं। ऐसे में दूर्वा अष्टमी के दिन आप इन चीजों के साथ-साथ गणेश जी को पंजीरी और मिठाई का भोग भी लगा सकते हैं। इसके साथ फल जैसे केला, अमरूद, सेब, संतरा आदि भी गणेश जी को अर्पित करें।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    इस तरह अर्पित करें दूर्वा

    दूर्वा अष्टमी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद 21 गांठों वाली दूर्वा के गुच्छे को साफ पानी से धोएं और इसे भगवान गणेश के चरणों में अर्पित कर दें। दूर्वा अर्पित करते समय 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जप करें। दूर्वा अर्पित करने के बाद भगवान गणेश को मोदक या तिल का भोग लगाएं। ऐसा करने से विघ्नहर्ता प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।