Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Durva Ashtami के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी कष्टों का होगा नाश

    हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर दूर्वा अष्टमी (Durva Ashtami 2025) भी मनाई जाती है। साथ ही इस दिन पर राधा अष्टमी भी मनाई जाती है। दूर्वा अष्टमी के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है। इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 26 Aug 2025 05:04 PM (IST)
    Hero Image
    Durva Ashtami पर कैसे करें गणेश जी को प्रसन्न?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश जी की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल जरूरी रूप से किया जाता है। दूर्वा या दूब के आयुर्वेद में भी कई लाभ बताए गए हैं। साथ ही अगर आप दूर्वा अष्टमी की पूजा में गणेश जी को 21 दूर्वा अर्पित करते हैं, तो इससे साधक के सभी प्रकार के दुख और संकट भी दूर हो सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दिन आपको नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे साधक गणेश जी की विशेष कृपा बनी रहती है और बुद्धि, धन, और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। चलिए पढ़ते हैं नाशन गणेश स्तोत्र।

    ॥ श्री गणेशायनमः ॥

    नारद उवाच -

    प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।

    भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥

    प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।

    तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥

    लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।

    सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥

    नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।

    एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥

    द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।

    न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥

    (Picture Credit: Freepik)

    दूर्वा अष्टमी के दिन गणेश जी के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना भी करनी चाहिए। इसके साथ ही इस दिन पर गणेश जी को दूर्वा के साथ सिंदूर, अक्षत और मिठाई का भी भोग लगाएं। इससे गणेश जी की कृपा आपके व आपके परिवार के ऊपर बनी रहती है।

    विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।

    पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥

    जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।

    संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥

    अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।

    तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥

    ॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

    दूर्वा अष्टमी के दिन पूजा के बाद नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ जरू करें और जीवन की समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें। ऐसा करने से गणेश जी आपसे प्रसन्न होते हैं और आपके कष्टों का निवारण करते हैं।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    यह भी पढ़ें - Rishi Panchami 2025: अगस्त में कब है ऋषि पंचमी, यहां जानें महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि

    यह भी पढ़ें - Radha Ashtami 2025: इन मंत्रों के जप से करें राधा रानी को प्रसन्न, पूरी होगी मनचाही मुराद

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।