Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Buddha Purnima 2025: पितृदोष और ग्रहदोष से चल रहे हैं परेशान, पीपल के पेड़ के नीचे करें ये उपाय

    Updated: Fri, 09 May 2025 02:47 PM (IST)

    Buddha Purnima 2025 पूर्णिमा की तिथि पर भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा की जाती है। कई लोग सुख शांति और समृद्धि के लिए सत्यनारायण की कथा सुनते हैं। वहीं मानसिक शांति के लिए चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। वैशाख पूर्णिमा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था उन्होंने इसी दिन पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था।

    Hero Image
    Buddha Purnima 2025: चंद्रोदय शाम 6 बजकर 57 मिनट पर होगा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Buddha Purnima 2025: हर महीने में एक बार पूर्णिमा तिथि आती है, जब सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के ठीक सामने होते हैं। इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा बहुत ज्यादा होती है।

    जल और मन का कारक होने की वजह से चंद्रमा समुद्र में ज्वार लाता है और जीवों के शरीर और मन में भी ज्वार लाता है। इस दिन मन को स्थिर और शांत करने के लिए पूर्णिमा तिथि को कई लोग व्रत, जप, तप करते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    12 मई को मनाई जाएगी पूर्णिमा तिथि

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा 11 मई को शाम 8 बजकर 1 मिनट से 12 मई की रात 10 बजकर 25 मिनट रहेगी। उदयातिथि की मान्यता के चलते 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। उस दिन चंद्रोदय शाम 6 बजकर 57 मिनट पर होगा।

    इसलिए कहते हैं बुद्ध पूर्णिमा 

    मगर, कुछ पूर्णिमा तिथियों का महत्व ज्यादा होता है, जैसे माघी पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा आदि। इसी कड़ी में बैशाख मास की पूर्णिमा भी बहुत खास होती है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन उन्हें बोध गया में पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। 

    इसी दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण भी हुआ था। इसीलिए बैशाख पूर्णिमा को बुध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से कई तरह के दोष जैसे पितृ दोष या गृह दोष भी दूर होते हैं।

    यह भी पढ़ें- Ekdant Sankashti Chaturthi के दिन जरूर करें इस चालीसा का पाठ, सभी कामों में मिलेगी सफलता

    कर सकते हैं पीपल से जुड़े ये उपाय

    • सूर्योदय के समय पीपल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है।
    • इस दिन पीपल की पूजा करने से कुंडली के कई ग्रह शांत होते हैं।
    • गुरु और शनि ग्रह भी पीपल की पूजा करने से देते हैं शुभ फल।
    • राहु-केतु के अशुभ प्रभाव खत्म करने के लिए लगाएं पीपल का पौधा।
    • रात में गुप्त रूप से पेड़ के नीचे दीपक लगाने से नाश होते हैं पाप।
    • रात में पीपल के नीचे दीपक लगाने से पितृदोष, गृह दोष होते हैं खत्म।
    • पीपल पर दूध और जल चढ़ाने से मन शांत होता है, बढ़ता है ज्ञान।

    यह भी पढ़ें- Budh Gochar 2025: कुंभ राशि वाले करेंगे यात्रा, हायर एजुकेशन और धर्म में बढ़ेगा रुझान

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।