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    Jyeshtha Amavasya 2023: ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, सभी दुखों का होगा अंत

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Fri, 19 May 2023 09:43 AM (IST)

    Jyeshtha Amavasya 2023 ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान ध्यान करने के बाद भगवान शिव जी की पूजा करें। इस दौरान भगवान शिव को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य दें। साथ ही ॐ सोमेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें। इस उपाय से भी पितर प्रसन्न होते हैं।

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    Jyeshtha Amavasya 2023: ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों को ऐसे करें प्रसन्न, सभी दुखों का होगा अंत

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Jyeshtha Amavasya 2023: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान का विधान है। साथ ही पितरों को तर्पण किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई यानी आज है। इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री भी है। अतः आज का दिन बेहद शुभ है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि अमावस्या तिथि पर तर्पण और श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इससे प्रसन्न होकर पितर जातक को सुख, समृद्धि और वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। अतः बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने के बाद पितरों की पूजा करते हैं। अगर आप भी पितर को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो ज्येष्ठ अमावस्या पर ये उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-

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    - पितरों को प्रसन्न करने के लिए आज स्नान-ध्यान करने के बाद जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा में मुख कर अर्घ्य दें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।

    - घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर पितरों की तस्वीर लगाएं। अब विधिवत पूजा कर सुख, शांति, समृद्धि, धन और वंश वृद्धि की कामना करें।

    - ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान ध्यान करने के बाद भगवान शिव जी की पूजा करें। इस दौरान भगवान शिव को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य दें। साथ ही ॐ सोमेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें। इस उपाय से भी पितर प्रसन्न होते हैं।

    - जितोषियों की मानें तो अमावस्या तिथि पर पीपल पेड़ की पूजा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा दृष्टि बनी रहती है। इसके लिए आज पीपल के वृक्ष को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद दीपक जलाकर नाग स्त्रोत और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

    - आज के दिन जरूरतमंदों और गरीबों को खाना खिलाएं। यथा शक्ति तथा भक्ति भाव से वस्त्र दान करें। गाय, काले कुत्ते और कौवे को भोजन दें। इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।