Mangal Dosh Remedies: पाना चाहते हैं मंगल दोष से निजात, तो मंगलवार के दिन जरूर करें ये आसान उपाय
Mangal Dosh Remedies ज्योतिष कुंडली देखकर भविष्य की गणना करते हैं। कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते व्यक्ति को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मंगल राहु केतु और शनि को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। इनमें मंगल विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए अधिक कष्टकारक होता है। कुंडली में मंगल दोष लगने पर निवारण जरूरी होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Mangal Dosh Remedies: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष कुंडली देखकर भविष्य की गणना करते हैं। कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते व्यक्ति को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मंगल, राहु, केतु और शनि को अशुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। इनमें मंगल विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए अधिक कष्टकारक होता है। कुंडली में मंगल दोष लगने पर निवारण जरूरी होता है। इसके अलावा, मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए मंगलवार के दिन विशेष उपाय किया जाता है। अगर आप भी मांगलिक दोष से पीड़ित हैं, तो मंगलवार के दिन ये उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-
मंगल दोष के उपाय
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है। इस दिन गणपति जी की पूजा करने से भी मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। अतः मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा करें। इस समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही हनुमानाष्टक पढ़ें।
- मंगलवार के दिन पूजा गृह में मंगल यंत्र स्थापित कर मंगल देव की पूजा करें। इस उपाय को करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- अगर आप शारीरिक रूप से सबल हैं, तो मंगलवार के दिन हनुमान जी के निमित्त व्रत अवश्य रखें। धार्मिक मान्यता है कि मंगलवार का उपवास करने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- अगर आप मंगल दोष से पीड़ित हैं, तो निजात पाने के लिए मंगलवार के दिन श्री मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र का पाठ करने से भी मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
मंगल देव मंत्र
ॐ अं अंगारकाय नम:
ॐ भौं भौमाय नम:"
ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।
मंगल ग्रह प्रार्थना मंत्र
'ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम।
कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।।'
मंगल गायत्री मंत्र
ॐ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय
धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
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