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    Diwali 2024: दीवाली पर क्यों साथ पूजे जाते हैं लक्ष्मी-गणेश, जानिए क्या है इसकी वजह

    Updated: Thu, 31 Oct 2024 11:58 AM (IST)

    हिंदू धर्म में देवताओं की पूजा उनकी अर्धांगिनी के साथ की जाती है जैसे शिव-पार्वती की पूजा भगवान राम और माता सीता की पूजा। लेकिन दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी का पूजन की जाती है। इसके पीछे न केवल एक पौराणिक कथा विद्यमान है बल्कि माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की साथ किए जाने के पीछे एक खास संदेश भी छिपा हुआ है।

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    Diwali 2024: दीवाली पर क्यों साथ पूजे जाते हैं लक्ष्मी-गणेश।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल कार्तिक अमावस्या पर दीवाली का पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में इस बार दीवाली आज यानी 31 अक्टूबर को मनाई जा रही है। यह पर्व मुख्य रूप से भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी के अवसर पर मनाया जाता है। इस दिन पर शाम के समय माता लक्ष्मी और गणेश जी की एक-साथ पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं। अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं इसका कारण।

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    क्या है पौराणिक कथा

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी को यह अभिमान हो गया कि लोग धन-धान्य के लिए उनकी पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। तब भगवान विष्णु ने ने माता लक्ष्मी के अहंकार को तोड़ने के लिए उन्होंने कहा कि धन-धान्य की देवी होने के बाद भी आप अपूर्ण हैं। इसपर माता लक्ष्मी ने इसका कारण पूछा, तब विष्णु जी ने उत्तर दिया कि एक स्त्री तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक वह मातृत्व का सुख प्राप्त न कर ले। विष्णु जी की यह बात सुनकर मां लक्ष्मी बहुत आहत हुईं।

    गणेश जी को दिया ये वरदान

    इसके बाद जब मां लक्ष्मी की पार्वती जी से भेंट हुई, तो उन्होंने अपना यह दुख मां पार्वती के सामने प्रकट किया। साथ ही उन्होंने माता पार्वती से कहा कि आपके तो दो-दो पुत्र हैं, अतः आप मुझे गणेश को दत्तक पुत्र के रूप में देने की कृपा करें। पहले तो माता पार्वती यह बात सुनकर  थोड़ी चिंतित हो गईं। उनकी इस चिंता को मां लक्ष्मी जी ने भांप लिया और कहा कि मैं गणेश को यह वरदान देती हूं कि जहां भी मेरी पूजा की जाएगी, वहां गणेश भी मेरे साथ पूजे जाएंगे। ऐसा माना जाता है कि तभी से दीवाली के अवसर पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की साथ में पूजा की जाने लगी।

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    इसलिए भी साथ होती है पूजा

    हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की दाता के रूप में पूजा जाता है। दीवाली के उत्सव पर धन प्राप्ति की कामना के साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि दीवाली के दिन मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। वहीं मानव मन की बात करें, तो धन के आने पर व्यक्ति की बुद्धि भी फिर जाती है, अर्थात व्यक्ति को अधिक धन का अभिमान होने लगता है। ऐसे में धन की देवी के साथ-साथ बुद्धि के देवता अर्थात गणेश जी की भी पूजा की जाती है। ताकि जब व्यक्ति के पास धन आए, तो वह इसका बुद्धि से उपयोग कर सके।

    दूसरा मत यह भी है कि यदि किसी को शुद्ध बुद्धि के बिना ही धन की प्राप्त होता है, तो वह विनाश का कारण बन सकता है। ऐसे में धन के साथ-साथ सद्बुद्धि का होना भी जरूरी है, ताकि जीवन में सौभाग्य, सुख, संपदा और यश कायम रहे। यही कारण है कि दीवाली पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की भी पूजा का विधान है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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