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    Diwali 2023: इस विधि से करें दीपावली पर लक्ष्मी पूजन, जानें धन की देवी को प्रसन्न करने का खास मंत्र

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sun, 12 Nov 2023 09:19 AM (IST)

    Laxmi Puja Vidhi हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व बेहद खास माना गया है। जो साधक इस दिन सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा करते हैं मां लक्ष्मी उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं दिवाली के इस विशेष अवसर पर लक्ष्मी पूजन की विधि शुभ मुहूर्त। साथ ही जानते हैं मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का खास मंत्र।

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    Lakshmi Puja 2023: पढ़िए लक्ष्मी पूजा की विधि।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Diwali 2023 Puja: सनातन धर्म में दिवाली का त्योहार बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है। लक्ष्मी पूजा के बिना दिवाली का त्योहार अधूरा है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन शाम के समय पूजा मुहूर्त के अनुसार, करना चाहिए। दिवाली के शुभ दिन पर यानी कार्तिक मास की अमावस्या को लक्ष्मी पूजा का विधान है। इस साल लक्ष्मी पूजा 12 नवंबर 2023 को की जाएगी।

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    लक्ष्मी पूजा तिथि और समय

    अमावस्या तिथि प्रारंभ - 12 नवंबर 02:44 से

    अमावस्या तिथि समापन - 13 नवंबर, 02:56 तक

    लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 12 नवंबर शाम 05:19 बजे से शाम 07:19 बजे तक

    लक्ष्मी पूजा पूजा विधि

    • ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र स्नान करें।
    • घर और मंदिर को साफ करें।
    • अपने घर को रंगोली, फूलों और लाइटों से सजाएं।
    • नए साफ कपड़े पहनें और लक्ष्मी पूजा के लिए सारी सामग्री एकत्रित कर लें।
    • इस शुभ दिन पर कई साधक व्रत भी रखते हैं।
    • शाम के समय एक लकड़ी के तख्ते पर श्री यंत्र और लड्डू गोपाल जी के साथ भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
    • 21 मिट्टी के दीपक जलाएं और 11 कमल के फूल, पान, सुपारी, इलाइची, लौंग, विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, खीर, खील चढ़ाकर देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
    • सबसे पहले भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी को तिलक लगाएं और फिर 108 बार लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।
    • मां लक्ष्मी के सामने अपने आभूषण और पैसे रख दें और उनसे सौभाग्य प्राप्ति की प्रार्थना करें।
    • अंत में देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें।

    लक्ष्मी मंत्र

    ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

    ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

    ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,

    तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'