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    Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर धुव्र योग समेत बन रहे हैं ये 4 संयोग, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि

    धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से आर्थिक तंगी समेत सभी प्रकार के विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए साधक विनायक चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विशेष पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 09 Jun 2024 04:19 PM (IST)
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    Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर धुव्र योग समेत बन रहे हैं ये 4 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayak Chaturthi 2024: हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनयक चतुर्थी मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी 10 जून को है। यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु व्रत भी रखा जाता है। भगवान गणेश के शरणागत रहने वाले साधकों को कभी धन का अभाव नहीं होता है। साथ ही आय, सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी पर ध्रुव योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को मनचाहा वर मिलता है। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू हुई है। इसका समापन 10 जून को शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। विनायक चतुर्थी पर चंद्र दर्शन का समय 02 घंटे 47 मिनट है। वहीं, चन्द्रास्त रात 10 बजकर 54 मिनट पर है। साधक अपनी सुविधा अनुसार भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

    ध्रुव योग

    ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी पर धुव्र योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन शाम 04 बजकर 48 मिनट पर होगा। वर्षों बाद विनायक चतुर्थी पर ध्रुव योग का संयोग बना है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 23 मिनट से संध्याकाल 09 बजकर 40 मिनट तक है। इस समय में भगवान गणेश की पूजा-वंदना करना परम फलदायी होगा।

    रवि योग

    विनायक चतुर्थी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि का समापन रात 09 बजकर 40 मिनट पर होगा। वहीं, रवि योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 23 मिनट से हो रहा है। रवि योग में भगवान गणेश की पूजा करने से पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।