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    Dhanu Sankranti पर इस मुहूर्त में करें दान, रखें इन बातों का ध्यान

    धनु संक्रांति का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन से खरमास की शुरुआत होती है। कहते हैं कि धनु संक्रांति पर पवित्र नदी के जल से स्नान करना चाहिए इससे जीवन में शुभता आती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti Date And Shubh Muhurat) 15 दिसंबर 2024 यानी आज मनाई जा रही रही है।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 15 Dec 2024 12:03 PM (IST)
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    Dhanu Sankranti 2024: धनु संक्रांति से जुड़े महत्वपूर्ण नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धनु संक्रांति का दिन बेहद विशेष होता है। यह तब मनाई जाती है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं। यह वह समय है जब भगवान सूर्य की पूजा बहुत ही फलदायी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करते हैं और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल धनु संक्रांति (Dhanu Sankranti Date And Shubh Muhurat) 15 दिसंबर, 2024 यानी आज मनाई जा रही है, तो चलिए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    धनु संक्रांति स्नान-दान शुभ मुहूर्त (Dhanu Sankranti Date And Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, धनु संक्रांति पर पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। वहीं, महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। साधक पुण्य काल के दौरान गंगा स्नान के साथ, दान-पुण्य और अपने सभी पूजन नियमों का पालन कर सकते हैं। बता दें, धनु संक्रांति पर महा पुण्य काल 1 घंटे और 43 मिनट का है।

    धनु संक्रांति से जुड़े महत्वपूर्ण नियम (Dhanu Sankranti Rules)

    स्नान करें और लाल रंग के कपड़े पहनें। सच्चे मन से भगवान सूर्य, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें। सूर्य देव के वैदिक मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार श्रद्धापूर्वक करें। गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इस दिन दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है।

    इस दिन पितरों की पूजा और उनका ध्यान करने से जीवन में सकारात्मकता आती है।

    इस दिन गरीबों को खाने का सामान और गर्म कपड़े दान करें। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। वहीं, इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए। साथ ही सात्विकता से रहने का प्रयास करना चाहिए।

    पूजा के समय करें इन वैदिक मंत्रों का जाप

    1. ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:।।

    2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा ।।

    3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।