Dhanteras 2025: धनतेरस पर किस मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी? जानें शहर अनुसार समय, पूजा विधि और महत्व
धनतेरस दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है, जब सोना, चांदी और नई वस्तुएं खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे साल भर घर में बरकत बनी रहती है। यह पर्व भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर को समर्पित है, तो चलिए इस पर्व से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

Dhanteras 2025: धनतेरस की पूजा विधि।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और नई वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ होता है, क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से साल भर घर में बरकत बनी रहती है। यह पर्व (Dhanteras 2025) आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर को समर्पित है, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -
सोने-चांदी की खरीददारी का शुभ मुहूर्त (Sona-Chandi Kharidne Ka Samay)
धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना के लिए सबसे अच्छा समय अमृत काल माना जा रहा है, जो सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस दौरान सोना-चांदी खरीदने से धन में अपार वृद्धि होती है।
पूजन मुहूर्त (Dhanteras 2025 Puja Muhurat)
धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल यानी 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
शहर अनुसार सोना-चांदी मुहूर्त
- नई दिल्ली शाम 7:16 से 8:20 बजे तक
- गुड़गांव शाम 7:17 से 8:20 बजे तक
- जयपुर शाम 7:24 से 8:26 बजे तक
- कोलकाता शाम 6:41 से 7:38 बजे तक
- पुणे शाम 7:46 से 8:38 बजे तक
- चेन्नई शाम 7:28 से 8:15 बजे तक
- नोएडा शाम 7:15 से 8:19 बजे तक
- अहमदाबाद शाम 7:44 से 8:41 बजे तक
- बेंगलुरु शाम 7:39 से 8:25 बजे तक
- मुंबई शाम 7:49 से 8:41 बजे तक
- चंडीगढ़ शाम 7:14 से 8:20 बजे तक
- हैदराबाद शाम 7:29 से 8:20 बजे तक
- लखनऊ शाम 07:05 बजे से रात 08:08 बजे तक।
शुभ मुहूर्त ( Dhanteras 2025 Shubh Muhurat)
अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। वहीं, प्रदोष काल शाम 06 बजकर 11 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप खरीदारी से लेकर पूजा-पाठ तक कोई भी शुभ काम कर सकते हैं।
धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras 2025 Puja Vidhi)
- घर और पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें।
- रंगोली बनाएं और दीपक जलाएं।
- पूजा स्थान पर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें।
- सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें।
- फिर देवी लक्ष्मी, कुबेर जी और धन्वंतरि जी को फल, फूल, मिठाई, हल्दी, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें।
- इस दिन खरीदी गई नई वस्तु को भी पूजा में रखें और उनकी पूजा करें।
- अंत में आरती करके शंखनाद करें।
- शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके, सरसों के तेल का चार मुख वाला यम दीपक जलाएं।
- अपने घर के कोने-कोने को रोशन करें।
धनतेरस का महत्व (Dhanteras 2025 Significance)
पौराणिक कथा (Katha) के अनुसार, इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनकी पूजा से अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से धन-संपत्ति में तेरह गुना वृद्धि होती है। इसलिए इस दिन सोना-चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
पूजन मंत्र (Dhanteras 2025 Puja Mantra)
1. ॐ धन्वंतराये नमः॥
2. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
3. अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
4. श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
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