Dev Uthani Ekadashi 2023: 23 या 24 नवंबर, कब है देव उठनी एकादशी? नोट करें डेट, शुभ मुहूर्त एवं पंचांग
शास्त्रों में निहित है कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी तिथि पर क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं और देव उठनी एकादशी तिथि पर जागृत होते हैं। धार्मिक मत है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि और मंगल का आगमन होता है। अतः देव उठनी एकादशी पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dev Uthani Ekadashi 2023: देवउठनी एकादशी हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होते हैं। इस शुभ अवसर पर तीनों लोकों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। देवउठनी एकादशी तिथि से मांगलिक कार्य का शुभारंभ होता है। शास्त्रों में निहित है कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी तिथि पर क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं और देव उठनी एकादशी तिथि पर जागृत होते हैं। धार्मिक मत है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मंगल का आगमन होता है। अतः देव उठनी एकादशी पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। हालांकि, देवउठनी तिथि को लेकर लोग दुविधा में हैं। आइए, देवउठनी एकादशी की सही तिथि, मुहूर्त एवं पंचांग जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 नवंबर को देर रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 नवंबर को 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। इसी समय से द्वादशी तिथि शुरू होगी। इसके लिए देव उठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी। वहीं, तुलसी विवाह 24 नवंबर को मनाया जाएगा।
पारण का समय
साधक एकादशी व्रत का पारण 24 नवंबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से लेकर 08 बजकर 57 मिनट के मध्य कर सकते हैं। इस समय जरूरतमंदों को दान अवश्य दें।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 25 मिनट पर
चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 03 बजकर 27 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक
अशुभ समय
राहुकाल - दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 46 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 09 बजकर 46 मिनट से 10 बजकर 48 मिनट तक
दिशा शूल - दक्षिण
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