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    Dev Diwali 2024: देव दीपावली पर भद्रावास योग समेत बन रहे हैं ये शुभ संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 12 Nov 2024 02:53 PM (IST)

    सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने का समापन देव दीपावली (Dev Diwali 2024) तिथि को होता है। इस दिन गंगा नदी के तट पर गंगा आरती का भव्य आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। भगवान शिव की उपासना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    Dev Diwali 2024: देव दीपावली का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर देव दीपावली मनाई जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर देवों के देव महादेव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर त्रिलोक की रक्षा की थी। इस उपलक्ष्य पर देवताओं ने बाबा की नगरी में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था। धार्मिक मत है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने और संध्याकाल में गंगा आरती करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो देव दीपावली (Dev Diwali 2024) पर दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

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    शुभ मुहूर्त

    कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर कार्तिक पूर्णिमा  तिथि का समापन होगा । प्रातः काल में कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू होने के चलते 15 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। देव दीपावली को पूजा और आरती का समय संध्याकाल 05 बजकर 10 मिनट से लेकर 07 बजकर 47 मिनट तक है।

    भद्रावास योग

    ज्योतिष भद्रावास योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। देव दीपावली पर भद्रावास योग शाम 04 बजकर 37 मिनट तक है। इस समय तक भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के पाताल और स्वर्ग लोक में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जीवों का कल्याण होता है।

    वरीयान योग

    ज्योतिषीय गणना के अनुसार, देव दीपावली पर वरीयान योग का मंगलकारी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण देर सुबह 07 बजकर 31 मिनट से हो रहा है। इस योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

    करण

    देव दीपावली पर बव करण का भी निर्माण हो रहा है। इस करण का निर्माण संध्याकाल 04 बजकर 38 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर होगा। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।