Deepak ke Niyam: शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर इस तरह जलाएं दीपक, होगा लक्ष्मी जी का आगमन
हिंदू धर्म में दीपक को ज्ञान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। पूजा के दौरान दीपक जलाना भी एक जरूरी प्रक्रिया है और इसी के बाद पूजा सफल मानी जाती है। इसी के साथ शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी काफी शुभ माना जाता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शाम के समय पृथ्वी पर लक्ष्मी जी का आगमन होता है। ऐसे में अगर इस समय में मुख्य द्वार पर दीपक जलाया (Deepak Jalane ke Fayde) जाए, तो इससे लक्ष्मी जी हमारे घर में प्रवेश करती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
किस समय जलाएं दीया
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है। सूर्यास्त के लगभग 30 मिनट पहले से सूर्यास्त के लगभग 30 मिनट बाद तक के समय को प्रदोष काल के रूप में जाना जाता है। ऐसे में आप इस दौरान अपने मुख्य द्वार पर दीपक जला सकते हैं।
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क्या है सही दिशा
वास्तु के अनुसार, शाम के समय दीपक को मुख्य द्वार की पूर्व या फिर उत्तर दिशा में रखना चाहिए। इससे साधक को लक्ष्मी जी की विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है। वहीं अगर आप पितरों के लिए दीपक जला रहे हैं, तो इसे दक्षिण दिशा में रखना शुभ होगा, क्योंकि दक्षिण को पितरों की दिशा माना जाता है।
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न करें ये गलती
शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय इश स्थान पर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। इसके साथ ही इस बाता का भी ख्याल रखें कि दरवाजे पर जूते-चप्पल, कूड़ेदान आदि नहीं होना चाहिए। वरना आप मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह सकते हैं। वहीं अगर आप मिट्टी, पीतल या तांबे का दीपक जला रहे हैं, तो इसे साफ करने के बाद ही दीपक जलाएं।
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रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जला रहे हैं, तो इसके तुंरत बाद घर का दरवाजा बंद न करें। इसे थोड़ी देर के लिए खुला छोड़ देना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। साथ ही इस समय को लक्ष्मी जी के आगमन का समय भी माना जाता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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