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    December Festival List 2024: गीता जयंती से सफला एकादशी तक, दिसंबर महीने में मनाए जाएंगे ये प्रमुख व्रत-त्योहार

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 27 Nov 2024 05:51 PM (IST)

    अगहन का महीना (December Vrat Tyohar 2024) जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस महीने में गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान कृष्ण ने अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। अतः एकादशी तिथि पर गीता जयंती मनाई जाती है।

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    December Festival List 2024: कब मनाई जाएगी गीता जयंती?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दिसंबर महीने की शुरुआत होने वाली है। वैदिक पंचांग के अनुसार, दिसंबर महीने (December Festival List 2024) में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इसके साथ ही मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत और मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। इस महीने में ही सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने के साथ खरमास शुरू हो जाएगा। सूर्य देव के धनु राशि के गोचर करने के दौरान खरमास लगता है। खरमास का समापन सूर्य के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर होता है। आइए, दिसंबर महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहार की सही डेट (December Vrat List 2024) जानते हैं-

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    यह भी पढ़ें: साल 2025 में कब-कब है प्रदोष व्रत? यहां नोट करें सही डेट और पूरी लिस्ट

    व्रत-त्योहार की सूची (December Vrat Tyohar 2024)

    • 01 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान करने का विधान है। साथ ही पूजा, जप-तप एवं दान-पुण्य किया जाता है।
    • 05 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।
    • 06 दिसंबर को विवाह पंचमी है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम और मां सीता की पूजा की जाती है। इस दिन स्कंद षष्ठी भी है।
    • 08 दिसंबर को भानु सप्तमी है। यह पर्व हर महीने सप्तमी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है।
    • 08 दिसंबर को मासिक दुर्गा अष्टमी है। इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही अष्टमी का व्रत भी रखा जाता है।
    • 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। यह पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।
    • 13 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह का अंतिम प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है।
    • 14 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती है। इस दिन रोहिणी व्रत भी है। रोहिणी व्रत के दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है।
    • 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती है। इस दिन अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर मार्गशीर्ष पूर्णिमा मनाई जाएगी।
    • 18 दिसंबर को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा की जाती है। साथ ही चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।
    • 22 दिसंबर को पौष माह के कृष्ण पक्ष की भानु सप्तमी है। इस दिन सूर्य देव की उपासना की जाती है। इस शुभ अवसर पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी और कालाष्टमी है।
    • 26 दिसंबर को मंडल पूजा है। इसके दो दिन बाद सफला एकादशी है। 28 दिसंबर को सफला एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन ही प्रदोष व्रत भी मनाया जाएगा।
    • 29 दिसंबर को पौष महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है।
    • 30 दिसंबर को पौष अमावस्या है। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण किया जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।