Shani Trayodashi 2024 Date: दिसंबर महीने में कब रखा जाएगा शनि त्रयोदशी का व्रत, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
धार्मिक मत है कि शनि त्रयोदशी (Shani Trayodashi 2024) का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही नौकरी में मन मुताबिक सफलता मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो शनि प्रदोष पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शनि त्रयोदशी व्रत का विशेष महत्व है। यह पर्व देवों के देव महादेव और शनिदेव को समर्पित है। इस व्रत को करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साधक शनि त्रयोदशी तिथि पर विधि-विधान से भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही शनिदेव की उपासना करते हैं। ज्योतिष भी कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने या निजात पाने के लिए प्रदोष व्रत पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करने की सलाह देते हैं। आइए, शनि त्रयोदशी व्रत की सही तिथि एवं शुभ मुहूर्त (Shani Trayodashi 2024 Date) जानते हैं-
यह भी पढ़ें: वास्तु की इन टिप्स से कर्ज से मिलेगा छुटकारा, नए साल में नहीं होगी धन की कमी
शनि त्रयोदशी पूजा शुभ मुहूर्त (Shani Trayodashi Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 29 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 28 दिसंबर को शनि त्रयोदशी का व्रत रखा जाएगा। इस शुभ तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने का समय संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 17 मिनट तक है।
शनि त्रयोदशी का महत्व (Shani Trayodashi Importance)
प्रदोष व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। शनिवार के दिन पड़ने के चलते शनि प्रदोष व्रत कहलाता है। इस व्रत को करने से संतान की प्राप्ति होती है। साधक पुत्र प्राप्ति की इच्छा से शनि त्रयोदशी पर व्रत रख भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस व्रत को करने से पुत्र रत्न की अवश्य ही प्राप्ति होती है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 23 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 48 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक
यह भी पढ़ें: पौष माह में तुलसी की ऐसे करें पूजा, पहिए की तरह बदलेगी किस्मत
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।