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    Shiv Stotra: शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय करें मंगलकारी स्तोत्र का पाठ, धन की समस्या होगी दूर

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 29 Dec 2024 05:17 PM (IST)

    वैदिक पंचांग के अनुसार सोमवार 30 दिसंबर को सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2024) है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

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    Shiv Stotra: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त सोमवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी हो जाती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं। अगर आप भी धन की समस्या या गरीबी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन स्नान-ध्यान कर सबसे पहले आचमन करें। इसके बाद श्वेत वस्त्र यानी कपड़े पहनें। अब गंगाजल या कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद भक्ति भाव से देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र (Daridra Dahan Shiv Stotram) का पाठ करें।

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    दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र

    विश्वेश्वराय नरकार्णवतारणाय कर्णामृताय शशिशेखरधारणाय ।

    कर्पूरकान्तिधवलाय जटाधराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    गौरीप्रियाय रजनीशकलाधराय कालान्तकाय भुजगाधिपकङ्कणाय ।

    गङ्गाधराय गजराजविमर्दनाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    भक्तप्रियाय भवरोगभयापहाय उग्राय दुर्गभवसागरतारणाय ।

    ज्योतिर्मयाय गुणनामसुकृत्यकाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    चर्मांबराय शवभस्मविलेपनाय भालेक्षणाय मणिकुण्डलमण्डिताय ।

    मंजीरपादयुगलाय जटाधराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    पञ्चाननाय फणिराजविभूषणाय हेमांशुकाय भुवनत्रय मण्डिताय ।

    आनन्दभूमिवरदाय तमोमयाय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    गौरीविलासभवनाय महेश्वराय पञ्चाननाय शरणागतकल्पकाय ।

    शर्वाय सर्वजगतामधिपाय तस्मै दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    भानुप्रियाय भवसागरतारणाय कालान्तकाय कमलासनपूजिताय ।

    नेत्रत्रयाय शुभलक्षणलक्षिताय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    रामप्रियाय राघुनाथवरप्रदाय नागप्रियाय नरकार्णवतारणाय ।

    पुण्येषु पुण्यभरिताय सुरार्चिताय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    मुक्तेश्वराय फलदाय गणेश्वराय गीतप्रियाय वृषभेश्वरवाहनाय ।

    मातङ्गचर्मवसनाय महेश्वराय दारिद्‌र्यदुःखदहनाय नमः शिवाय ॥

    वसिष्ठेनकृतं स्तोत्रं सर्व दारिद्‌र्यनाशनम् ।

    सर्वसंपत्करं शीघ्रं पुत्रपौत्रादिवर्धनम् ॥

    दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र के लाभ

    भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। वहीं, पूजा के समय दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ करने से गरीबी दूर होती है। अगर आप कारोबार में तरक्की और उन्नति पाना चाहते हैं, तो रोजाना पूजा के समय दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र के पाठ से जीवन की हर समस्या दूर होगी। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।