Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Chitragupta Puja 2024: इस आरती से पूरी होती है चित्रगुप्त पूजा, जरूर करें इसका पाठ

    Updated: Sun, 03 Nov 2024 09:54 AM (IST)

    सनातन धर्म में चित्रगुप्त पूजा को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग सच्चे भाव के साथ कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं उन्हें कभी न समाप्त होने वाला ज्ञान प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन (Chitragupta Puja 2024) की पूजा तभी पूर्ण मानी जाती है जब श्री चित्रगुप्त जी की आरती से पूजा का समापन किया जाए।

    Hero Image
    Chitragupta Puja 2024: भगवान चित्रगुप्त जी की आरती।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चित्रगुप्त पूजा का हिंदुओं के बीच खास महत्व है। यह दिवाली के बाद, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है। यह दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा के लिए समर्पित है, जिनकी कृपा से समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है। चित्रगुप्त जी को कायस्थ समुदाय का संस्थापक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन (Chitragupta Puja 2024) भगवान चित्रगुप्त को बुद्धि, ज्ञान और लेखन कौशल को बढ़ाने के लिए कलम, पुस्तक और खाता आदि चीजों को चढ़ाया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर चित्रगुप्त पूजा के दौरान किताबों और कलमों की पूजा जरूर करनी चाहिए। साथ ही आरती से पूजा को समाप्त करना चाहिए, जो इस प्रकार है।

    ।।भगवान चित्रगुप्त जी की आरती।। (Shri Chitragupt Ji Ki Aarti)

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे,

    स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।

    भक्तजनों के इच्छित,

    फलको पूर्ण करे॥

    विघ्न विनाशक मंगलकर्ता,

    सन्तनसुखदायी ।

    भक्तों के प्रतिपालक,

    त्रिभुवनयश छायी ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरत,

    पीताम्बरराजै ।

    मातु इरावती, दक्षिणा,

    वामअंग साजै ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    हिंदू पंचांग के अनुसार, आज भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जा रही है। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।

    कष्ट निवारक, दुष्ट संहारक,

    प्रभुअंतर्यामी ।

    सृष्टि सम्हारन, जन दु:ख हारन,

    प्रकटभये स्वामी ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    कलम, दवात, शंख, पत्रिका,

    करमें अति सोहै ।

    वैजयन्ती वनमाला,

    त्रिभुवनमन मोहै ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    विश्व न्याय का कार्य सम्भाला,

    ब्रम्हाहर्षाये ।

    कोटि कोटि देवता तुम्हारे,

    चरणनमें धाये ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    ऐसी मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा करने से अमिट ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पापों का नाश होता है, लेकिन तामसिक चीजों से परहेज जरूर बनाए रखें।

    नृप सुदास अरू भीष्म पितामह,

    यादतुम्हें कीन्हा ।

    वेग, विलम्ब न कीन्हौं,

    इच्छितफल दीन्हा ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    दारा, सुत, भगिनी,

    सबअपने स्वास्थ के कर्ता ।

    जाऊँ कहाँ शरण में किसकी,

    तुमतज मैं भर्ता ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    ऐसा कहा जाता है कि चित्रगुप्त पूजा के दिन ''ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः'' इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे जीवन की हर बाधा समाप्त होती है।

    बन्धु, पिता तुम स्वामी,

    शरणगहूँ किसकी ।

    तुम बिन और न दूजा,

    आसकरूँ जिसकी ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    जो जन चित्रगुप्त जी की आरती,

    प्रेम सहित गावैं ।

    चौरासी से निश्चित छूटैं,

    इच्छित फल पावैं ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

    न्यायाधीश बैंकुंठ निवासी,

    पापपुण्य लिखते ।

    'नानक' शरण तिहारे,

    आसन दूजी करते ॥

    ॐ जय चित्रगुप्त हरे,

    स्वामीजय चित्रगुप्त हरे ।

    भक्तजनों के इच्छित,

    फलको पूर्ण करे ॥

    यह भी पढ़ें: Bhai Dooj 2024 Gift Ideas: भाई दूज पर अपनी बहन को दें ये उपहार, जीवन में होगी सुख-समृद्धि की बरसात

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।