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    Chhath Puja Bhog List: छठ मैया को लगाएं ये अलग-अलग तरह के दिव्य भोग, खुशियों से भरा रहेगा घर

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 04:00 PM (IST)

    छठ महापर्व आस्था का चार दिवसीय त्योहार है। इसमें छठी मैया और सूर्य देव को विभिन्न पारंपरिक और सात्विक भोग (Chhath Puja Bhog List) चढ़ाए जाते हैं। मान्यता है कि इन प्रिय प्रसादों को चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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    Chhath Puja 2025: छठ महापर्व के प्रसाद।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2025: छठ महापर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह पवित्रता और सादगी का पर्व है। चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत में, छठी मैया और सूर्य देव को विभिन्न प्रकार के पारंपरिक और सात्विक भोग लगाए जाते हैं, जिनमें हर व्यंजन का अपना एक विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि छठी माता को उनका प्रिय चढ़ाने से वे खुश होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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    छठी माता को चढ़ाएं ये प्रसाद (Chhath Puja Bhog List)

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    ठेकुआ

    ठेकुआ को छठ पूजा का महाप्रसाद माना जाता है और इसके बिना यह पर्व अधूरा है। इसे छठी माता को चढ़ाने से स्वास्थ्य से जुड़ी मुश्किलें दूर होती हैं। साथ ही यह संध्या अर्घ्य और ऊषा अर्घ्य के सूप में भी रखा जाता है।

    रसियाव / गुड़ की खीर

    गुड़ की खीर का भोग छठी माता को चढ़ाने से जीवन के सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

    कसार (चावल के लड्डू)

    कसार चावल के आटे और गुड़ को मिलाकर बनाया जाता है। चावल को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। कसार लड्डू छठ मैया को चढ़ाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

    ये फल और सब्जियां भी चढ़ाएं

    • गन्ना - पूजा में गन्ने का होना बहुत जरूरी होता है। यह समृद्धि, खुशहाली और दीर्घायु का प्रतीक है।
    • केला - केले को बहुत शुद्ध माना जाता है और यह छठी मैया को बहुत प्रिय है।
    • डाभ नींबू - यह सामान्य नींबू से बड़ा और अंदर से लाल रंग का होता है। इसे चढ़ाने से जीवन में शुभता आती है।
    • सुथनी और शकरकंद - ये जमीन के अंदर उगने वाले कंद-मूल हैं, जिन्हें शुद्धता का प्रतीक मानकर पूजा में शामिल किया जाता है।
    • नारियल - नारियल देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और इसे शुभता का प्रतीक मानकर सूप में रखा जाता है।

    पूजा मंत्र ( Puja Mantra)

    • ॐ सूर्याय नमः
    • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजो राशे जगत्पते,
    • अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
    • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
    • ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:। विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।
    • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।।

    यह भी पढ़ें- Chhath Puja 2025 Day 3: संध्या अर्घ्य के समय करें ये विशेष आरती, चारों तरफ से कृपा बरसाएंगी छठी माता

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।