Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Chhath Puja 2025: 26, 27 या 28 अक्टूबर, कब दिया जाएगा सूर्य देव को संध्या अर्घ्य? यहां नोट करें छठ पूजा की संपूर्ण जानकारी

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 11:21 AM (IST)

    छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व है। इसमें सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है। यह पर्व नहाय-खाय से शुरू होकर खरना, संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को) और उषा अर्घ्य (उगते सूर्य को) के साथ समाप्त होता है। इस दौरान व्रती 36 घंटे का कठोर निर्जला व्रत रखते हैं, तो चलिए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    Hero Image

    Chhath Puja 2025: छठ पूजा का महत्व।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja) 25 अक्टूबर से शुरू होगी और इसका समापन 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। छठ पूजा हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक चार दिनों तक चलने वाला महापर्व है, जिसमें मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा होती है, तो आइए इसकी डेट से लेकर संपूर्ण जानकारी जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    chhath puja

    छठ पूजा कैलेंडर (Chhath Puja Shubh Muhurat)

    • 25 अक्तूबर 2025, शनिवार- नहाय-खाय
    • 26 अक्तूबर 2025, रविवार- खरना
    • 27 अक्तूबर 2025, सोमवार- संध्या अर्घ्य
    • 28 अक्तूबर 2025, मंगलवार- उषा अर्घ्य

    नहाय-खाय ( Nahay Khay 2025)

    इस दिन व्रती पवित्र नदी या घर में स्नान करके नए वस्त्र धारण करते हैं। फिर सात्विक भोजन में मुख्य रूप से लौकी-भात और चने की दाल का सेवन करते हैं। इस भोजन के साथ ही व्रत की शुरुआत हो जाती है।

    खरना (Kharna 2025)

    खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दिन व्रती निर्जला व्रत रखते हैं। शाम को सूर्यास्त के बाद गुड़ और चावल की खीर , पूड़ी और फलों का प्रसाद बनाकर छठी मैया को अर्पित किया जाता है। व्रती इस प्रसाद का सेवन करके अपना दिन का व्रत खोलते हैं। खरना के प्रसाद का सेवन करने के साथ ही 36 घंटे का कठोर निर्जला व्रत की शुरुआत हो जाती है।

    संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya)

    यह छठ पूजा का सबसे मुख्य दिन है, जो कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को पड़ता है। इस दिन व्रती किसी पवित्र नदी तट पर इकट्ठा होते हैं। सूप में ठेकुआ, फल, गन्ना और समेत अन्य पारंपरिक प्रसाद सजाकर डूबते हुए सूर्य देव को पहला अर्घ्य देते हैं।

    उषा अर्घ्य और पारण (Usha Arghya)

    छठ पूजा का समापन अंतिम दिन सप्तमी तिथि को होता है। इस दिन व्रती फिर से गंगा घाट पर जाकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह सूर्य की पहली किरण की पूजा करने का प्रतीक है। अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद का सेवन करके 36 घंटे का निर्जला व्रत खोलते हैं।

    सूर्यास्त और सूर्योदय का समय

    • 27 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा।
    • 28 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर होगा।

    यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2025 Date: नहाय खाय से लेकर सूर्योदय अर्घ्य तक, यहां पढ़ें छठ पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।