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    Guru Pradosh Vrat 2026: भगवान शिव की पूजा के समय कर लें इन सिद्ध मंत्रों का जप, चमक उठेगा सोया भाग्य

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 01:48 PM (IST)

    1 जनवरी को गुरु प्रदोष व्रत है। इस दिन शिव-शक्ति की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन कई ...और पढ़ें

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    Guru Pradosh Vrat 2026: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 01 जनवरी को प्रदोष व्रत है। गुरुवार के दिन पड़ने के चलते यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक पर शिव-शक्ति की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो गुरु प्रदोष व्रत पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। अगर आप भी देवों के देव महादेव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो गुरु प्रदोष व्रत पर पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें।

    शिव मंत्र

    1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    2. करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

    विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

    3. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    4. ऊँ अघोरेभ्यो अथघोरेभ्यो, घोर घोर तरेभ्यः। सर्वेभ्यो सर्व शर्वेभ्यो, नमस्ते अस्तु रूद्ररूपेभ्यः।।

    5. नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।

    6. निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाश माकाश वासं भजेऽहं।।

    7. ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय।।

    8. ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।

    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

    9. सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

    उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥

    परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

    सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

    वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

    हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

    एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।।

    10. ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।