Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pitru Paksha 2024: श्राद्ध पक्ष के दौरान करें भगवान विष्णु के नामों का जप, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 18 Sep 2024 09:47 PM (IST)

    पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) की शुरुआत हो चुकी है। इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा। इस दिन सर्वपितृ अमावस्या है। इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र शुरू होगा। पितृ पक्ष का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दौरान पितरों की पूजा-उपासना की जाती है। इसके साथ ही पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।

    Hero Image
    Pitru Paksha 2024: पतरों को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन महीने का कृष्ण पक्ष पूर्णतया पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान पितरों की पूजा की जाती है। उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। इसके साथ अकाल मृत्य में मरने वाले पूर्वजों का भी तर्पण किया जाता है। अकाल मृत्यु से मरने वाले लोगों का पिंडदान प्रेतशिला में किया जाता है। गरुड़ पुराण में निहित है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों को तर्पण करने से व्यक्ति को मृत्यु लोक में समस्त प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। अनदेखी करने से व्यक्ति को पितृ दोष लगता है। उनके पितृ अप्रसन्न होते हैं। पितृ के अप्रसन्न होने पर जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं या पितृ दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के दौरान पितरों का तर्पण अवश्य करें। इसके साथ ही पितृ पक्ष के दौरान भगवान विष्णु के नामों का मंत्र जप अवश्य करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के दौरान करें इन मंत्रों का जाप, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    भगवान विष्णु के 108 नाम

    1. ऊँ श्री प्रकटाय नम:

    2. ऊँ श्री वयासाय नम:

    3. ऊँ श्री हंसाय नम:

    4. ऊँ श्री वामनाय नम:

    5. ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:

    6. ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:

    7. ऊँ श्री प्रभवे नम:

    8. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:

    9. ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:

    10. ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:

    11. ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:

    12. ऊँ श्री अक्रूराय नम:

    13. ऊँ श्री सुलोचनाय नम:

    14. ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:

    15. ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम :

    16. ऊँ श्री श्रीपतये नम:

    17. ऊँ श्री आनन्दाय नम:

    18. ऊँ श्री कमलापतये नम:

    19. ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:

    20. ऊँ श्री महाबलाय नम:

    21. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:

    22. ऊँ श्री सुरेशाय नम:

    23. ऊँ श्री ईश्वराय नम:

    24. ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:

    25. ऊँ श्री क्षेत्र क्षेत्राज्ञाय नम:

    26. ऊँ श्री चक्रगदाधराय नम:

    27. ऊँ श्री योगिनेय नम:

    28. ऊँ श्री दयानिधि नम:

    29. ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:

    30. ऊँ श्री जरा-मरण-वर्जिताय नम:

    31. ऊँ श्री कमलनयनाय नम:

    32. ऊँ श्री शंख भृते नम:

    33. ऊँ श्री दु:स्वपननाशनाय नम:

    34. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:

    35. ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:

    36. ऊँ श्री कपिलेश्वराय नम:

    37. ऊँ श्री महीधराय नम:

    38. ऊँ श्री द्वारकानाथाय नम:

    39. ऊँ श्री सर्वयज्ञफलप्रदाय नम:

    40. ऊँ श्री सप्तवाहनाय नम:

    41. ऊँ श्री श्री यदुश्रेष्ठाय नम:

    42. ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:

    43. ऊँ श्री सर्वतोमुखाय नम:

    44. ऊँ श्री लोकनाथाय नम:

    45. ऊँ श्री वंशवर्धनाय नम:

    46. ऊँ श्री एकपदे नम:

    47. ऊँ श्री धनुर्धराय नम

    48. ऊँ श्री प्रीतिवर्धनाय नम:

    49. ऊँ श्री केश्वाय नम:

    50. ऊँ श्री धनंजाय नम:

    51. ऊँ श्री ब्राह्मणप्रियाय नम:

    52. ऊँ श्री शान्तिदाय नम:

    53. ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:

    54. ऊँ श्री वाराहय नम:

    55. ऊँ श्री नरसिंहाय नम:

    56. ऊँ श्री रामाय नम:

    57. ऊँ श्री शोकनाशनाय नम:

    58. ऊँ श्री श्रीहरये नम:

    59. ऊँ श्री गोपतये नम:

    60. ऊँ श्री विश्वकर्मणे नम:

    61. ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:

    62. ऊँ श्री पद्मनाभाय नम:

    63. ऊँ श्री कृष्णाय नम:

    64. ऊँ श्री विश्वातमने नम:

    65. ऊँ श्री गोविन्दाय नम:

    66. ऊँ श्री लक्ष्मीपतये नम:

    67. ऊँ श्री दामोदराय नम:

    68. ऊँ श्री अच्युताय नम:

    69. ऊँ श्री सर्वदर्शनाय नम:

    70. ऊँ श्री वासुदेवाय नम:

    71. ऊँ श्री पुण्डरीक्षाय नम:

    72. ऊँ श्री नर-नारायणा नम:

    73. ऊँ श्री जनार्दनाय नम:

    74. ऊँ श्री चतुर्भुजाय नम:

    75. ऊँ श्री विष्णवे नम:

    76. ऊँ श्री केशवाय नम:

    77. ऊँ श्री मुकुन्दाय नम:

    78. ऊँ श्री सत्यधर्माय नम:

    79. ऊँ श्री परमात्मने नम:

    80. ऊँ श्री पुरुषोत्तमाय नम:

    81. ऊँ श्री हिरण्यगर्भाय नम:

    82. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:

    83. ऊँ श्री माधवाय नम:

    84. ऊँ श्री अनन्तजिते नम:

    85. ऊँ श्री महेन्द्राय नम:

    86. ऊँ श्री नारायणाय नम:

    87. ऊँ श्री सहस्त्राक्षाय नम:

    88. ऊँ श्री प्रजापतये नम:

    89. ऊँ श्री भूभवे नम:

    90. ऊँ श्री प्राणदाय नम:

    91. ऊँ श्री देवकी नन्दनाय नम:

    92. ऊँ श्री सुरेशाय नम:

    93. ऊँ श्री जगतगुरूवे नम:

    94. ऊँ श्री सनातन नम:

    95. ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:

    96. ऊँ श्री दानवेन्द्र विनाशकाय नम:

    97. ऊँ श्री एकातम्ने नम:

    98. ऊँ श्री शत्रुजिते नम:

    99. ऊँ श्री घनश्यामाय नम:

    100. ऊँ श्री वामनाय नम:

    101. ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:

    102. ऊँ श्री धनेश्वराय नम:

    103.ऊँ श्री भगवते नम:

    104. ऊँ श्री उपेन्द्राय नम:

    105. ऊँ श्री परमेश्वराय नम:

    106. ऊँ श्री सर्वेश्वराय नम:

    107. ऊँ श्री धर्माध्यक्षाय नम:

    108. ऊँ श्री प्रजापतये नम:

    यह भी पढ़ें:  पितृ पक्ष के दूसरे दिन वृद्धि योग समेत बन रहे हैं ये शुभ संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

    comedy show banner
    comedy show banner