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    Pitru Paksha Upay: श्राद्ध पक्ष के दौरान करें बेलपत्र और काले तिल से जुड़े ये उपाय, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 18 Sep 2024 06:11 PM (IST)

    सनातन धर्म में आश्विन माह का विशेष महत्व है। इस महीने में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा धरती पर वास करती हैं। इसके लिए नौ दिनों तक मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इससे पहले कृष्ण पक्ष में पितरों की पूजा (Pitru Paksha Belpatra Upay) की जाती है। इसे पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है।

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    Pitru Paksha Belpatra Upay: पितृ दोष को कैसे दूर करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष पितरों को समर्पित होता है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक मनाया जाता है। पितृ पक्ष का समापन सर्वपितृ अमावस्या को होता है। इस वर्ष 18 सितंबर से लेकर 02 अक्टूबर तक पितृ पक्ष है। इसके अगले दिन से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी। ज्योतिष शास्त्र में पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के दौरान विशेष उपाय करने का विधान है। इन उपायों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो श्राद्ध पक्ष के दौरान काले तिल और बेलपत्र से जुड़े ये उपाय अवश्य करें।

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    पितृ पक्ष के उपाय

    • अगर आप पितृ दोष से निजात पाना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान रोजाना स्नान-ध्यान करने के बाद गंगाजल या दुग्ध में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से पितृ दोष दूर होता है।
    • अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान काले तिल का दान करें। आप काले तिल का दान मंदिर में कर सकते हैं। इस उपाय को करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    • पितृ पक्ष के दौरान स्नान-ध्यान के बाद बेलपत्र (Pitru Paksha Belpatra Upay) पर राम लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें। इस उपाय को करने से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव खत्म हो जाता है।  
    • पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। अतः श्राद्ध पक्ष के दौरान घर में बड़े-वृद्ध की सेवा और सम्मान करें। उनका दिल न दुखाएं और न ही मान-सम्मान को ठेस पहुचाएं।
    • अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक रोजाना स्नान-ध्यान के बाद जल में काले तिल (Shraddha Paksha Kale Til Upay) और जौ मिलाकर पितरों को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।