Chandra Grahan 2025: होली पर होगा ग्रहण का साया, खुशियों के रंग न पड़ें भंग; इसलिए बरतें सावधानी
ज्योतिषियों की मानें तो होली के दिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2025) रहने के चलते कई राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें और न ही किसी का दिल दुखाएं। होली के शुभ अवसर पर सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन सूर्य देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा है। इस दिन रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। होली के शुभ अवसर पर आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। वहीं, चंद्र ग्रहण का भी साया पड़ने वाला है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मायावी ग्रह राहु के चंद्रमा या सूर्य का ग्रास कर लेने से ग्रहण लगता है।
चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के समय राहु का प्रभाव पृथ्वी पर बढ़ जाता है। इसके लिए ग्रहण के समय शुभ काम करने की मनाही होती है। इसके साथ ही खानपान से भी परहेज करना चाहिए। किसी भी प्रकार की अनदेखी करने से व्यक्ति पर मायावी ग्रह राहु का विपरीत प्रभाव पड़ता है। होली के दिन ग्रहण (Holi Lunar Eclipse) लगने के चलते लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या ग्रहण के समय होली खेलना शुभ होगा? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025)
ज्योतिषियों की मानें तो साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। 14 मार्च को चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह सुबह 09 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक है। भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसके लिए सूतक मान्य नहीं होगा। हालांकि, ग्रहण के दौरान सावधानी अवश्य ही बरतें। वहीं, ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान कर भक्ति भाव से भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के बाद अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।
ग्रहण के दौरान क्या न करें (Eclipse Precautions)
- चंद्र ग्रहण के दौरान खानपान से परहेज करें।
- ग्रहण के समय पूजा न करें और न ही भगवान की प्रतिमा को छूएं।
- चंद्र ग्रहण के समय भूलकर भी खाना न पकाएं।
- ग्रहण के दौरान सोना भी शुभ नहीं होता है।
- चंद्र ग्रहण के समय नकारात्मक जगहों पर जाने से बचें।
- धारदार कैंची, चाकू और सुई का इस्तेमाल न करें।
- गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
- नंगी आंखों से ग्रहण को न देखें।
ग्रहण के दौरान क्या करें (Eclipse Precautions)
- गंगाजल का छिड़काव कर घर को शुद्ध करें।
- ग्रहण के बाद गंगाजल मिश्रित पानी से स्नान करें।
- ग्रहण के दौरान विष्णु जी के नामों का मंत्र जप करें।
- ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
- ग्रहण के बाद भगवान विष्णु और महादेव की पूजा करें।
- ग्रहण के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान करें।
कैसे मनाएं होली?
होली पर चंद्र ग्रहण का साया रहने वाला है। हालांकि, ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके लिए सूतक भी मान्य नहीं होगा। सूतक न लगने के चलते ग्रहण का प्रभाव पूर्णरूपेण नहीं रहने वाला है। इसके लिए सामान्य जन होली मना सकते हैं। हालांकि, ग्रहण के दौरान शास्त्र द्वारा संगत नियमों का पालन अवश्य करें। आप चाहे तो अपने नजदीक के योग्य पंडित से सलाह लेकर होली पर लगने वाले चंद्र ग्रहण की पूरी जानकारी ले सकते हैं।
होलिका दहन अशुभ समय
भद्रा- सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू
भद्रा- देर रात 11 बजकर 26 मिनट पर समाप्त
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
होलिका दहन- देर रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू
होलिका दहन- देर रात 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त
होली 2025
पूर्णिमा- 13 मार्च सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर शुरू
पूर्णिमा- 14 मार्च दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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