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    Chandra Dev Pujan: इस विधि से चंद्रमा को दें अर्घ्य, खुल जाएगा सोया हुआ भाग्य

    Updated: Thu, 05 Sep 2024 09:21 AM (IST)

    हिंदू धर्म में चंद्रमा की पूजा का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। लोग कई शुभ अवसरों पर चंद्रमा का दर्शन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। चंद्र दर्शन का समय पंचांग की सहायता से ही सही माना जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में समृद्धि खुशी और शुभता आती है। साथ ही सभी मुरादें पूर्ण होती हैं।

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    Chandra Dev Pujan: चंद्र देव पूजा विधि।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रमा की पूजा को ज्योतिष शास्त्र में बेहद शुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि चंद्र देव का दर्शन करने से जीवन में शुभता आती है। यह हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग सच्चे भाव के साथ च्रंद देव की पूजा करते हैं, उनके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती है। साथ ही सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। 

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    आज का शुभ मुहूर्त 

    हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 सितंबर को चंद्रोदय सुबह 07 बजकर 45 मिनट पर हो चुका है। वहीं, सूर्यास्त शाम 06 बजकर 38 मिनट पर होगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 38 मिनट से 07 बजे तक रहेगा।

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     चन्द्र देव की पूजा विधि

    • जल से भरा एक कलश लें और उसमें कुछ सफेद फूल, अक्षत, दूध, सफेद चंदन और दही डालें।
    • फिर उस जल को भगवान चंद्र को अर्पित करें।
    • भगवान के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं।
    • चंद्र मंत्र का 108 बार जाप करें।
    • वहीं कुछ समय के लिए चंद्रमा की रोशनी में बैठें और चंद्र देव का आशीर्वाद लें।
    • भगवान विष्णु के मंत्रों का भी जाप करें।
    •  ब्राह्मणों को वस्त्र, भोजन आदि का भी दान करना पुण्यदायी माना जाता है।
    •  तामसिक चीजीं से दूर रहें।

    चन्द्र देव वैदिक मंत्र

    ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं। महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते

    चन्द्र देव बीज मंत्र

    ऊँ सों सोमाय नम:

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।