Chanakya Niti: अपने घर पर इन लोगों को कभी न दें न्यौता, खराब कर देते हैं माहौल
कभी-कभी हम में फंक्शन में या फिर कुछ खास अवसरों पर अपने करीबी रिश्तेदार और दोस्तों को बुला लेते हैं। लेकिन आज हम आपको चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने घर पर बुलाने से पहले सौ बार सोचना चाहिए क्योंकि इनके आने से आपके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य भारत के उन विद्वानों में से एक हैं, जिन्हें उनके ज्ञान और नीतियों के लिए आज भी याद किया जाता है। उनके द्वारा लिखे गए नीति शास्त्र का लोग आज भी अनुसरण करते हैं। चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे लोगों का भी जिक्र किया है, जिन्हें कभी भी अपने घर पर नहीं बुलाना चाहिए।
न बुलाएं ऐसा इंसान
चाणक्य जी का कहना है कि अपने घर पर कभी भी ऐसे व्यक्ति को नहीं बुलाना चाहिए, जो स्वभाव में स्वार्थी हो। इसका कारण यह है कि ऐसे लोग कभी भी दूसरों की भलाई के बारे में नहीं सोचते और हर चीज में केवल अपना फायदा देखते हैं।
गलतफहमियां पैदा करते हैं ये लोग
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अपने घर पर कभी ऐसे लोगों को भी बुलावा नहीं देना चाहिए, जो सामने से तो कुछ और दिखाते हैं, लेकिन उनके मन में कुछ और होता है। क्योंकि ऐसे लोग आपके और परिवार के बीच गलतफहमियां भी पैदा कर सकते हैं। इसलिए इन लोगों को अपने घर बुलाने से बचना चाहिए।
यह भी पढ़ें - Chardham Yatra 2025: खत्म हुआ इंतजार! सामने आई केदारनाथ समेत चारधाम के कपाट खुलने की सही तारीख
इन लोगों से न करें दोस्ती
आचार्य चाणक्य का कहना है कि अपने घर में कभी भी उन लोगों को नहीं बुलाना चाहिए, जो आपको सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही आपको याद करते हैं। क्योंकि ऐसे लोग कभी आपकी मुश्किलों में काम नहीं आते। इसलिए ऐसे लोगों को घर बुलाकर या इनसे दोस्ती रखकर कोई फायदा नहीं है।
खराब होता है घर का माहौल
चाणक्य नीति के मुताबिक, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जिन्हें दूसरों का अहित करके मजा आता है। ऐसे में इन लोगों को कभी भूलकर भी अपने घर नहीं बुलाना चाहिए, वरना इस लोगों के कारण आपके घर का माहौल खराब हो सकता है।
यह भी पढ़ें - Lord Ganesh: कब और कैसे हुई भगवान गणेश की शादी? नारद जी ने निभाई थी अहम भूमिका
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।