Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chanakya Niti: घर में बनाए रखनी है खुशियां, तो गांठ बांध लें चाणक्य की ये बातें

    Updated: Fri, 21 Feb 2025 06:10 PM (IST)

    आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन के भी कई पहलुओं के विषय में बताया है। चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख मिलता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप अपने जीवन में ये बदलाव करते हैं तो इससे घर-परिवार में खुशियां बनी रहती है।

    Hero Image
    Chanakya Niti: क्या कहती है चाणक्य की नीति।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य की नीति सबसे लोकप्रिय नीतियों में शामिल है। ऐसे में आप भी इसे अपने जीवन में अपनाकर लाभ देख सकते हैं। किसी भी परिवार में खुशियां तभी बनी रहती हैं, जब वहा किसी भी तरह का भेदभाव, जलन और नफरत की भावना न हो। तो चलिए जानते हैं कि इस विषय में आचार्य चाणक्य का क्या कहता हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस आदत में करें बदलाव

    मां अन्नपूर्णा को हिंदू धर्म में अन्न की देवी के रूप में पूजा जाता है, इसलिए कभी न तो अन्न बर्बाद करेंऔर न ही किसी सदस्य को करने दें। परिवार के बच्चों में भी यही आदते डालें। चाणक्य जी का कहना है कि जिस घर में अन्न की बर्बादी होती है, वहां हमेशा आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं। इसलिए अपनी इस आदत में जल्द-से-जल्द सुधार करें।

    क्या कहते हैं चाणक्य

    घर-परिवार को सही ढंग से चलाने की जिम्मेदारी घर के बड़े लोगों खासकर मुखिया के कंधों पर होती है। ऐसे में अगर आपके घर में किसी सदस्या को फिजूलखर्ची की आदत है, तो उसमें तुरंत बदलाव करने की जरूरत है। इससे भी परिवार की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है। क्योंकि एक को देखकर घर के अन्य लोग और बच्चे भी यही सीखते हैं और पैसों का महत्व नहीं समझते। इसलिए न तो फिजूलखर्ची करें और न ही किसी और को करने दें।

    यह भी पढ़ें - Chanakya Niti: इन 5 जगहों पर रहने वाले लोग हमेशा रहते हैं गरीब, कभी नहीं करते हैं तरक्की

    खुद भी करें पालन

    परिवार में जो भी नियम बनाए जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि घर के सभी सदस्य उनका पालन करें, चाहे वह छोटे हों या बड़ें। क्योंकि अगर बड़े लोग ही नियम तोड़ते हैं, तो छोटे भी यही सिखते हैं। इसलिए अगर आप ही नियमों का पालन नहीं करते, तो अन्य लोगों से भी ऐसा करने की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए। 

    क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य

    आचार्य चाणक्य के अनुसार, घर के लोगों के बीच कभी भी भेदभाव की भावना नहीं आनी चाहिए, वरना इससे सदस्यों के बीच बैर भावना उत्पन्न होने लगती है। इसलिए घर के बड़े लोगों खासकर मुखिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने से छोटों को कमतर न आंकें और एक की तुलना दूसरे से न करें। परिवार में खुशियां बनाए रखने के लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। 

    यह भी पढ़ें - Chanakya Niti: इन परिस्थितियों में कभी न घबराएं, वरना कहलाएंगे कायर, नहीं मिलेगी सफलता

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है

    comedy show banner
    comedy show banner