Chanakya Niti: इन लोगों से कभी न करें बहस, वरना बढ़ा लेंगे अपनी ही मुसीबत
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) आपके जीवन को सरल बनाने का काम करती है। ऐसे में अगर आप चाणक्य नीति में बताई गई बातों को अपने जीवन में उतारते हैं तो इससे आप जीवन में काफी लाभ देख सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कुछ ऐसी ही टिप्स के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य को विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र और अर्थशास्त्र समेत कई ग्रंथों की रचना की है। साथ ही इनकी गुप्त साम्राज्य की स्थापना में भी अहम भूमिका रही है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी इन लोगों से बहस नहीं करनी चाहिए, वरना वह अपनी ही मुसीबत बढ़ा सकता है।
इनसे बहस पर सकती है भारी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को कभी भी मूर्ख से बहस नहीं करनी चाहिए। इससे केवल आपका ही समय बर्बाद होगा, क्योंकि एक मूर्ख व्यक्ति केवल अपनी कही बात को ही सही मानता है और दूसरे की बात नहीं सुनता। ऐसे में सही होने पर भी इन लोगों से बहस या झगड़ा करने से बचना चाहिए, वरना आपका ही नुकसान होता है।
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नहीं मिलेगा सही मार्गदर्शन
हमारी संस्कृति में गुरु को एक महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है। चाणक्य नीति के अनुसार, गुरु हमारा मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें हमारे अच्छे-बुरे की समझ हमसे ज्यादा होती है। ऐसे में भले ही आपको गुरु द्वारा दिया गया सुझाव या फैसला गलत लगे, तभी भी कभी गुरु से बहस नहीं करनी चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो इससे आपको गुरु के मार्गदर्शन से वंचित रह जाएंगे।
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बाद में होगा पछतावा
सच्चा दोस्त वही है, जो हर परिस्थिति में आपके साथ खड़ा रहे और आपको सच्चाई से अवगत कराए। ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इस तरह के दोस्त से कभी झगड़ा या बहस नहीं करनी चाहिए, वरना आप एक सच्चे मित्र को खो देंगे। जिससे बाद में केवल पछतावा ही रह जाएगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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