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    Chanakya Niti: मां के गर्भ में ही ये चार गुण सीखने लगते हैं बच्चे, जीवन में बनते हैं सफल इंसान

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 18 Dec 2023 06:25 PM (IST)

    Chanakya Niti ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में बुध मजबूत रहने या बुध के शुभ प्रभाव के चलते व्यक्ति मधुरभाषी होता है। इस बारे में चाणक्य का कहना है कि बच्चों में माता-पिता के संस्कार बाल्यावस्था से आते हैं। माता-पिता के मधुरभाषी होने पर बच्चे भी गुणवान और मधुरभाषी होते हैं। ये गुण बच्चे मां के गर्भ में ही सीखते हैं।

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    Chanakya Niti: मां के गर्भ में ही ये चार गुण सीखने लगते हैं बच्चे

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की नीति आज भी प्रासंगिक हैं। सामान्य व्यक्ति भी चाणक्य की नीतियों का अनुसरण कर जीवन में सफल हो सकता है। इतिहासकारों की मानें तो आचार्य चाणक्य मौर्य साम्राज्य के समकालीन थे। मौर्य साम्राज्य की स्थापना में चाणक्य ने अहम भूमिका निभाई थी। आचार्य चाणक्य की मानें तो बच्चे मां के गर्भ में 4 शुभ गुण सीखने लगते हैं। ऐसे बच्चे भविष्य में बेहद सफल इंसान बनते हैं। उनकी चर्चा सभी दिशाओं में होती है। आइए, इन 4 गुणों के बारे में जानते हैं-

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    दान

    आचार्य चाणक्य ग्यारहवें अध्याय के पहले श्लोक में कहते हैं कि दान करने की प्रवृति बच्चे मां के गर्भ में ही सीख जाते हैं। ये गुण व्यक्ति लाख चाहकर भी जन्म के बाद नहीं सीख सकता है। अगर माता-पिता दान करने वाले होते हैं, तो बच्चे भी दान करते हैं और दानी बनते हैं।

    मधुरभाषी

    ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में बुध मजबूत रहने या बुध के शुभ प्रभाव के चलते व्यक्ति मधुरभाषी होता है। इस बारे में चाणक्य का कहना है कि बच्चों में माता-पिता के संस्कार आते हैं। माता-पिता के मधुरभाषी होने पर बच्चे भी गुणवान और मधुरभाषी होते हैं। ये गुण बच्चे मां के गर्भ में ही सीखते हैं।

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    धैर्य

    आचार्य चाणक्य की मानें तो धैर्य भी बच्चे मां के गर्भ में ही सीखते हैं। धैर्यवान बच्चे जीवन में सफल इंसान बनते हैं। ऐसे लोग जीवन में हर मुश्किलों को पार कर लेता है। व्यक्ति (जन्म के बाद) लाख चाहकर भी ये गुण नहीं सीख पाते हैं।

    सही और गलत

    आचार्य चाणक्य की मानें तो बच्चे मां के गर्भ में ही सही और गलत सीख लेते हैं। माता-पिता के ये संस्कार बच्चे में आते हैं। व्यक्ति जन्म के बाद चाहकर भी ये संस्कार नहीं सीख पाता है। इन चारों गुणों से युक्त व्यक्ति जीवन में सफल इंसान अवश्य ही बनता है।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।