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    Chanakya Niti: हर व्यक्ति को गधे से सीखनी चाहिए ये तीन बातें, हमेशा रहेंगे सफल

    By Shivani SinghEdited By:
    Updated: Thu, 17 Mar 2022 08:00 AM (IST)

    Chanakya Niti आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि व्यक्ति को कब कैसा व्यवहार करना चाहिए किसी परेशानी में फंसे से हो तो कैसे निकलना चाहिए जैसी कई चीजों के बारे में विस्तार से बताया है। ऐसे ही एक गधे से व्यक्ति काफी कुछ सीख सकता है।

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    चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति को एक गधे से सीखनी चाहिए ये चीजें

    आचार्य चाणक्य ने मानव समाज के कल्याण के लिए कई नीतियां बताई हैं। चाणक्य नीति' में कुल सत्रह अध्याय है। इन सभी अध्यायों में चाणक्य से व्यक्ति की स्थिति का ध्यान रखते हुए नीतियां लिखी हैं। ऐसे ही आचार्य चाणक्य से अपनी नीतियों के माध्यम से कहा कि सीखने की न तो कोई उम्र होती है और न किसी कोई व्यक्ति। बल्कि आप जानवर से लेकर किसी भी व्यक्ति से कुछ न कुछ जरूर सीख सकते हैं। ऐसे में ही एक गधे से आप तीन बातें जरूर सीख सकते हैं जो आपको हमेशा सफलता दिलाने में मदद करेगी।

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    श्लोक

    सुश्रान्तोऽपि वहेद् भारं शीतोष्णं न पश्यति।

    सन्तुष्टश्चरतो नित्यं त्रीणि शिक्षेच्च गर्दभात्॥

    आचार्य चाणक्य के मुताबिक एक विद्वान, सफल व्यक्ति को गधे से सीखनी चाहिए ये तीन बातें

    1- आलस्य से बनाएं दूरी

    2- हमेशा संतोषपूर्वक रहना

    3- मौसम की चिंता न करना

    आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया कि अगर किसी व्यक्ति को बुद्धिमान बनने के साथ-साथ हर काम में सफल होना है तो गधे से कुछ चीजें जरूर चाहिए। आमतौर पर गधा को सिर्फ चीजें ढोने वाला जानवर माना जाता है। लेकिन उसकी कुछ ऐसी खूबियां होती हैं जिन्हें हर कोई नजर अंदाज कर देता है। दरअसल गधा काफी मेहनत जानवर होता है। इससे एक व्यक्ति काफी कुछ सीख सकता है।

    चाणक्य नीति के अनुसार, गधे की तरह व्यक्ति को भी कभी आलस्य नहीं करना चाहिए। जिस तरह गधा अधिक थक जाने के बाद भी बोझ ढोता रहता है। उसी तरह व्यक्ति को किसी भी काम को लेकर आलस्य नहीं करना चाहिए। क्योंकि आलस्य करने से व्यक्ति की पूरी जिंदगी अंधेरे में बीत सकती हैं।

    आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को गधे की तरह किसी भी मौसम का फर्क नहीं पड़ना चाहिए। जिस तरह एक गधा बिना मौसम की चिंता किए काम करता है। वैसे ही व्यक्ति को भी मौसम का बहाना बनाकर बैठना नहीं चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति खुद ही अपना नुकसान कर लेता है।

    आचार्य चाणक्य के अनुसार, एक गधे की तरह ही व्यक्ति को हमेशा संतुष्ट रहना चाहिए। क्योंकि अगर आप किसी भी चीज से संतुष्ट नहीं हुए तो आप हमेशा परेशान रहेंगे और कभी भी खुशी महसूस नहीं होगी। इसलिए व्यक्ति को हमेशा संतोष के साथ जीवन व्यापन करना चाहिए।