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    Chanakya Niti: संतान के भविष्य की बर्बादी का कारण बन सकती हैं ये गलतियां, समय रहते करें सुधार

    Updated: Fri, 18 Apr 2025 03:25 PM (IST)

    आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन के कई पहलुओं पर चर्चा की है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार (chanakya niti tips) मां-बाप की किन गलतियों के कारण उनके बच्चे का भविष्य खतरा में पड़ सकता है। ऐसे में समय रहते अपनी इन गलतियों में सुधार कर लेना चाहिए ताकि आपकी संतान का भविष्य सुरक्षित रहे।

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    Chanakya Niti tips For Parents माता-पिता को लेनी चाहिए ये सीख।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य की गिनती भारत के विद्वानों में होती है। आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र के जनक भी कहे जाते हैं। आज के समय में कई लोग सफल जीवन के लिए इनकी नीति का अनुसरण करते हैं।

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    उन्होंने अपने नीति शास्त्र में यह भी बताया है कि माता-पिता की कौन-सी गलतियां उसके बच्चे पर भारी पड़ सकती हैं। ऐसे में अगर इन बातों का ध्यान जरूर रखें, तो इससे आप अपनी संतान के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

    इन बातों का रखें ध्यान

    आचार्य चाणक्य का कहना है कि माता-पिता को कभी भी अपने बच्चों के सामने क्रोध या अहंकार जैसी भावना को व्यक्त नहीं करना चाहिए। क्योंकि बच्चे सबसे पहले अपने घर से ही चीजें सीखते हैं, जिसमें माता-पिता उनके गुरु की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों अच्छी बातें सिखाना चाहते हैं, तो आपको खुद की बुरी आदतों का त्याग करना होगा।  क्योंकि बच्चे देखकर ज्यादा सीखते हैं।

    इस आदत में भी करें सुधार

    कई माता-पिता (chanakya niti tips For Parents) अपने बच्चों की हर छोटी-बड़ी जिद पूरी कर देते हैं। माता-पिता का जरूरत से ज्यादा प्यार भी बच्चे के भविष्य के लिए खतरा बन सकता है। जरूरत से ज्यादा लाड़ करने और हर जिद पूरी करने से बच्चा गैर जिम्मेदार और जिद्दी बन जाता है। इसलिए आचार्य चाणक्य ने माता-पिता की इस आदत को भी गलत बताया है।

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    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    रखें अपने व्यवहार का ध्यान

    अपने बच्चों के सामने किसी दूसरे का अपमान करना, झगड़ा करना, झूठ बोलना या फिर दिखावा करना भी गलत है, क्योंकि बच्चों में भी यही भावना आ जाती है। इसलिए आचार्य चाणक्य का कहना है कि माता-पिता को बच्चों के सामने अपने व्यवहार का ख्याल खासतौर से रखना चाहिए।

    इसी के साथ आज के समय में अपने बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखना भी जरूरी हो गया है। हालांकि कुछ फैसलों में उन्हें छूट देनी चाहिए, लेकिन बहुत ज्यादा लापरवाही उनके लिए नुकसानदायक हो सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।