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    Chaitra Purnima 2025: किस दिन मनाई जाएगी चैत्र पूर्णिमा? जान लें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 20 Mar 2025 07:25 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025 Date) पर भगवान विष्णु की पूजा करने से आय आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। इस शुभ अवसर पर श्री सत्यनारायण जी की भी पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं।

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    Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चैत्र महीने का खास महत्व है। यह महीना पूर्णतया मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में रोजाना जगत जननी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही चैत्र नवरात्र के दौरान नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अमोघ एवं अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही भूतड़ी अमावस्या एवं चैत्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान किया जाता है।

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    धार्मिक मत है कि चैत्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ समान फल मिलता है। चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025 Date) पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Chaitra Purnima Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा की शुरुआत 12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय के बाद से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 12 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी। चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 06 बजकर 18 मिनट पर होगा।

    चैत्र पूर्णिमा शुभ योग (Chaitra Purnima Shubh Yog)

    चैत्र पूर्णिमा पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत एवं हर्षण मुहूर्त योग का भी संयोग है। इन योग में गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

    पंचांग 

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।